मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में सिंचाई विभाग एवं शिक्षा विभाग की समीक्षा की. बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम घोषणाओं के तहत कार्य प्रगति की स्पष्ट जानकारी दी जाय. शासनादेश हो चुके कार्यों, जिन कार्यों की डीपीआर बन चुकी है एवं कार्यों की भौतिक प्रगति क्या है, इस सब की पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाय. दीर्घावधि के कार्यों के लिए 15 जून तक सारे पेपर वर्क पूर्ण कर लिये जाय, ताकि मानसून सीजन के बाद कार्यों में तेजी लाई जा सके. अधिकारी कार्यों का निरंतर स्थलीय भ्रमण कर निरीक्षण करें. शिक्षा विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन स्कूलों में अभी पेयजल, शौचालय एवं फर्नीचर की पूर्ण व्यवस्था नहीं है, शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर इन स्कूलों ये व्यवस्थाएं कराई जाय. जिला योजना का 15 प्रतिशत बजट स्कूलों में विभिन्न व्यवस्थाओं हेतु खर्च किया जाय. यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों.
इसके अलावा सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश कि सीएम घोषणाओं के तहत जो भी कार्य किए जा रहे हैं. यह सुनिश्चित किया जाए की कार्य निर्धारित समय में पूर्ण हो. कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो घोषणा विभाग द्वारा अन्य विभागों को स्थांतरित की जा रही हैं, वे जल्द स्थांतरित की जाय. कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो, इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए. ग्रीष्मकाल एवं आगामी मानसून को ध्यान में रखते हुए कार्यों में तेजी लाई जाय. कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाए. जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाय.
बैठक में जानकारी दी गई कि सिंचाई विभाग की 193 सीएम घोषणाओं में से 105 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, शेष पर कार्य प्रगति पर है. शिक्षा विभाग की 137 सीएम घोषणाओं में से 103 पूर्ण हो चुकी हैं, 34 घोषणाओं पर प्रक्रिया गतिमान है. बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, एस.ए मुरुगेशन, सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, अपार सचिव आर राजेश कुमार, शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय, सिंचाई एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.