अल्मोड़ा: थॉमस कप में जीत का परचम लहराने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे और पहला सिंगल जीतने वाले उत्तराखंड के लक्ष्य सेन से खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने बात की। लक्ष्य ने कहा कि जीत के बाद हर जगह से बधाई संदेश आ रहे हैं। सबसे बड़ी खुशी तब मिली जब प्रधानमंत्री ने टीम से और उनसे बात की। रविवार शाम को प्रधानमंत्री ने उनसे फोन पर बात करते हुए कहा तुम्हारी तीनों पीढ़ियां बैडमिंटन में हैं। तुम्हारे दादा, पिता और तुम। अरे भाई बाल मिठाई खिलानी पड़ेगी।
लक्ष्य ने कहा कि टीम ने एक दूसरे को काफी सपोर्ट किया। पिता डीके सेन ने कोच के तौर पर काफी हेल्प की। टीम में 10 खिलाड़ी, छह कोच समेत स्पोर्ट स्टाफ की और देश की जीत है। यह माइल स्टोन है। आपको बता दें कि थॉमस कप के फाइनल में भारत ने 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया की टीम को हराकर इतिहास रचा। लक्ष्य सेन और सात्विक चिराग की जोड़ी के बाद किदांबी श्रीकांत ने तीसरा मैच जीता और भारत को पहली बार थॉमस कप का चैंपियन बना दिया।
अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन ने चार साल की उम्र से खेलना शुरू कर दिया था। लक्ष्य के पिता डीके सेन बैडमिंटन के नामी कोच हैं और वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी से जुड़े हैं। लक्ष्य सेन के दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का पितामह कहा जाता है। लक्ष्य सेन ने 10 वर्ष की उम्र में पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता था। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।