आगरा। हाथरस के सत्संग हादसे की जांच को गठित एसआईटी ने अपनी एक पेज की प्रारंभिक रिपोर्ट बंद लिफाफे में शासन को सौंपी है। जांच टीम ने माना है कि सत्संग के बाद अनुयायियों को निकालने के लिए गलत रास्ते का चुनाव किया गया। इसका जिम्मेदार आयोजकों को ठहराया गया है। इसके साथ ही भीड़ प्रबंधन आदि को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।
प्रारंभिक रिपोर्ट देने के बाद शुक्रवार को एसआईटी ने हाथरस के डीएम और एसपी से भी लंबी पूछताछ की है। उधर, हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग के शनिवार को हाथरस आने की सूचना है। दो जुलाई को नारायण साकार विश्व हरि (सूरजपाल सिंह) के सत्संग में भगदड़ से 121 अनुयायियों की मृत्यु हो गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर दुर्घटना की जांच को आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी। इसमें अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी भी शामिल थीं।एसआईटी ने अपनी जांच में प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों के साथ पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मियों के बयान दर्ज किए।
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि सत्संग स्थल से अनुयायियों को निकलने के लिए जो रास्ता तय किया गया था, उसके एक ओर गड्ढा था। इस रास्ते को चुनने का निर्णय गलत था। सत्संग समाप्त होने के बाद चरण रज लेने को हजारों अनुयायियों की भीड़ सड़क पर पहुंच गई। वहां मौजूद सेवादारों ने अनुयायियों के साथ धक्का-मुक्की की, जिससे भगदड़ मची। कुछ लोग सड़क के एक तरफ गड्ढे में गिरे। यहां फिसलन होने से दूसरे लोग उनको रौंदते चले गए। वहीं उनकी मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में बताया गया है कि दो से ढाई लाख की भीड़ वाले आयोजन में मात्र 66 पुलिसकर्मियों की ही ड्यूटी लगाई गई थी। आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं के इंतजाम नहीं थे। पीड़ितों के बयानों में सामने आया कि सेवादारों ने वहां धक्का-मुक्की की। इससे ही भगदड़ मची। गौरतलब है कि मामले में छह सेवादारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसआईटी से पहले एसडीएम हाथरस रविंद्र कुमार ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सूरजपाल के सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों ने अनुयायियों के साथ धक्का-मुक्की की थी, जिसके बाद भगदड़ मची थी। अपर पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि घटना की प्रारंभिक आख्या शासन को दी गई है। यह गोपनीय है। इसके विषय में कुछ नहीं बता सकती। प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद शुक्रवार सुबह एसआईटी ने डीएम हाथरस आशीष कुमार और एसपी हाथरस निपुण अग्रवाल के तीन से चार घंटे तक बयान दर्ज किए। विस्तृत रिपोर्ट जांच पूरी होने पर भेजी जाएगी।
एसआईटी ने शासन को दी हाथरस भगदड़ की प्रारंभिक रिपोर्ट, डीएम और एसपी से लंबी पूछताछ
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