21.2 C
Dehradun
Tuesday, December 2, 2025


राष्ट्रपति मुर्मू बोलीं- भारतीय शांति सैनिकों ने अपनी अलग पहचान बनाई, अर्जित की लोगों की भरोसेमंद मित्रता

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि भारतीय शांति सैनिकों ने न केवल अपने लिए एक विशेष स्थान बनाया है, बल्कि उन्होंने जिन क्षेत्रों में सेवा की है, वहां लोगों का विश्वास और स्नेह भी जीता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह बात राष्ट्रपति भवन में संयुक्त राष्ट्र सैनिक योगदान देने वाले देश के लिए आयोजित सेना प्रमुखों का सम्मेलन में कही। उन्होंने शांति स्थापना के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों और योगदान को सराहा। तीन दिवसीय कॉन्क्लेव का उद्घाटन 14 अक्तूबर 2025 को मानेकशॉ सेंटर में हुआ था। यह अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने शांति सैनिकों के माध्यम से लैंगिक समावेश में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने यह भी बताया कि महिला शांति सैनिकों ने स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाया है और वहां विश्वास और सहयोग की भावना बढ़ाई है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘भारत को गर्व है कि वह शुरुआत से ही संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना अभियानों में लगातार योगदान दे रहा है। हमारे सैनिकों ने दुनिया के सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में सेवा करते हुए विशिष्टता दिखाई है।’
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति होने के नाते बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करता है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘वर्षों की भागीदारी के दौरान भारतीय शांति सैनिकों ने केवल संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों को निभाया ही नहीं बल्कि उन्होंने अपने लिए एक विशेष पहचान भी बनाई। उन्होंने संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में लोगों का भरोसा और स्नेह अर्जित किया है।’
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि जो देश शांति स्थापना के लिए अपने बहादुर पुरुषों और महिलाओं को भेजते हैं, उन्हें मिलकर ऐसी व्यवस्थाएं बनानी चाहिए, जो सेना योगदान देने वाले देशों की आवाज को मजबूत करें। उन्होंने बताया कि अब तक संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक 71 अलग-अलग मिशनों में तैनात किए जा चुके हैं। वर्तमान में लगभग 68,000 शांति सैनिक 11 मिशनों में सेवा दे रहे हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक यूनिफॉर्मधारी कर्मी हैं। ये मिशन मुख्य रूप से निष्पाप लोगों, खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की पीड़ा को कम करने का काम करते हैं।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

भारतीय ट्रक और बसों में जल्द अनिवार्य होगा ADAS, सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाने की...

0
नई दिल्ली: भारत में भारी वाहन, जिनमें ट्रक और बसें शामिल हैं, अब प्रीमियम कारों जैसी एडवांस्ड सुरक्षा तकनीक से लैस होने जा रहे...

सरकार का बड़ा फैसला; सभी नए मोबाइल फोन में 90 दिनों के भीतर प्री-इंस्टॉल...

0
नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल फोन कंपनियों को बड़ा निर्देश जारी किया है। अब देश में बनने या आयात होकर आने वाले...

बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस की गर्जना; सटीक निशाने के साथ गाइडिंग और कंट्रोल...

0
नई दिल्ली: भारतीय सेना ने एक बार फिर अपनी मारक क्षमता और तकनीकी श्रेष्ठता का शानदार प्रदर्शन किया है। दक्षिणी कमान की तरफ से...

केंद्र सरकार सक्रिय रूप से उत्तराखंड के त्योहारों और लोक परंपराओं को बढ़ावा दे...

0
देहरादून। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को हरिद्वार के सांसद श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत...

मुख्यमंत्री धामी ने की संस्कृत उत्थान के लिए उच्च स्तरीय आयोग के गठन की...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज हरिद्वार में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने संस्कृत भाषा के उत्थान एवं...