देहरादून/रुड़की। कुलाधिपति/राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को क्वॉन्टम विश्वविद्यालय, रुड़की, हरिद्वार के चौथे दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। दीक्षांत समारोह के दौरान राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक, ऑल राउंड परफॉर्मेंस के लिए प्रेसीडेंसी मेडल एवं डिग्रियां प्रदान कीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा कि आज का युवा अत्यधिक ऊर्जावान है। उन्होंने इस ऊर्जा के साथ अपने और अपने राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया, और कहा कि इस पीढ़ी को राष्ट्र, समाज और परिवार के सपनों को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का है, इसके साथ ही, हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ ही आधुनिक तकनीक को साथ लेकर चलना है। राज्यपाल ने मेडल पाने वाले में छात्राओं की अधिक संख्या को देखते हुए इसे महिला सशक्तीकरण का अच्छा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि महिलाएं लगातार आगे बढ़ते हुए राष्ट्र के विकास में अपना पूर्ण योगदान दे रही हैं।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में कार्य करने के लिए अपने परिसर में विशेष व्यवस्था की है, यह छात्र-छात्राओं के लिए एआई की दिशा में अच्छा कदम है। उन्होंने विद्यार्थियों को जॉब क्रिएटर बनने की बात कही, और कहा कि किताबों से परे वास्तविक जीवन में भी अपनी पहचान बनानी पड़ेगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अनगिनत और असीमित सपने देखने की बात भी कही, और कहा कि सपने देखो और उन्हें पूरा करने में जुट जाओ। राज्यपाल ने सभी विद्यार्थियों से जोश के साथ विशेषज्ञता पर फोकस करने को कहा। इसके साथ ही नशे और ड्रग्स से दूरी बनाए रखने की बात कही। राज्यपाल ने कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है, हमें जीवनभर सीखना है। हमें अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को लगातार अपग्रेड करना चाहिए। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते अपने गुरुजनों एवं माता-पिता के सपनों एवं आशाओं पर खरा उतरने की बात कही। इस अवसर पर क्वॉन्टम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विवेक कुमार, विधायक प्रदीप बत्रा, ममता राकेश एवं विश्वविद्यालय के संस्थापक श्याम सुंदर गोयल सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ ही आधुनिक तकनीक को साथ लेकर चलने का आह्वान
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