18.9 C
Dehradun
Thursday, October 16, 2025

हरियाणा में करारी हार के बाद AAP ने लिया बड़ा फैसला, महाराष्ट्र और झारखंड में नहीं लड़ेगी चुनाव

नई दिल्ली। हरियाणा में अनूकुल परिणाम नहीं मिलने की वजह से अब आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र एवं झारखंड में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी अपना पूरा फोकस दिल्ली विधानसभा चुनाव पर ही रखना चाहती है। आम आदमी पार्टी ने झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया।आप को हाल ही में हरियाणा प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था। हरियाणा में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। अब आप पार्टी का पूरा फोकस दिल्ली की सत्ता को बचाने पर है।
आम आदमी पार्टी को लगता है कि झारखंड में उसका संगठन पहले से कमजोर हुआ है। चुनाव में उतरने के लिए संगठन को मजबूत करने की जरूरत होगी, लेकिन अब इसके समय नहीं है। महाराष्ट्र में स्थिति थोड़ी अलग है। वहां की राज्य इकाई संगठनात्मक विस्तार के लिए दो या तीन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।
बताते हैं कि राज्य इकाई ने अपनी एक रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी है, जिस पर राजनीतिक मामलों की समिति अंतिम फैसला लेगी। लेकिन हाईकमान की मंजूरी मिलने की संभावना कम ही है, क्योंकि आप अपनी पूरी ताकत दिल्ली को बचाने में लगाना चाहती है। पार्टी ने इसकी तैयारी भी तेज कर दी है।
पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया खुद दिल्ली की सड़कों पर प्रचार के लिए उतर चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि इन दोनों ही राज्यों में चुनाव न लड़ने के पीछे की एक बड़ी वजह ये भी है कि आईएनडीआई के साथी इन राज्यों में मजबूती से चुनाव लड़ें और सहयोगी पार्टियों के बीच किसी तरह की उलझन की स्थिति पैदा न हो। इस स्थिति में भाजपा को नुकसान होगा। हालांकि, औपचारिक तौर पर आम आदमी पार्टी ने अभी इन दोनों ही राज्यों को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं की है। पार्टी नेता यही कह रहे हैं कि राजनीतिक मामलों की समिति ही इसे लेकर फैसला करेगी।
दिल्ली में एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि एमसीडी की आप सरकार अनुसूचित जाति विरोधी है। इसलिए, जो महापौर का चुनाव अप्रैल में होना था वह अभी तक नहीं हुआ है। उसकी कोशिश है कि अनुसूचित जाति का पार्षद महापौर ना बने और उसको उसका हक ना मिले इसलिए चुनाव टालती रही।
उन्होंने दावा किया कि जब भाजपा ने पिछले सदन में अनुसूचित जाति के पार्षद के हक करने का मुद्दा उठाया और महापौर चुनाव न करने को लेकर सत्तारूढ़ दल के षडयंत्र को उजागर किया। साथ ही समाज का रोष बढ़ गया और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में यह मामला पहुंच गया। तब आप सरकार अब महापौर का चुनाव कराने पर विवश हो गई है।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

महागठबंधन में रार, कांग्रेस ने सीट शेयरिंग के पहले इन सीटों पर बांटे सिंबल;...

0
नई दिल्ली: महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक सहमति नहीं बन सकी है। राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के बीच...

बिहार विधानसभा चुनाव: भाजपा ने जारी की 18 उम्मीदवारों की तीसरी सूची

0
नई दिल्ली: बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है। तीसरी सूची में...

त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों पर शिकंजा

0
देहरादून। दीपावली और अन्य त्योहारी पर्वों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ़ बड़ा अभियान शुरू किया है।...

राज्य में सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन किया जायेगाः मुख्यमंत्री

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गुप्तकाशी में चतुर्थ सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने...

मुख्य सचिव ने की स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास की समीक्षा

0
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में स्वास्थ्य...