उत्तराखंड में बीते रोज़ ताबड़तोड़ छापेमारी के साथ ही देहरादून में संचालित 6 नामी कॉलेजों और उनके संचालकों के ख़िलाफ सीबीआई ने मुक़दमा दर्ज किया है. इसके साथ ही श्रीनगर गढ़वाल सेंटेर यूनिवर्सिटी के पूर्व वीसी, उनके ओएसडी और कई प्रोफेसरों के खिलाफ सीबीआई ने 6 मुकदमे दर्ज किए हैं. आरोपियों पर कायदे कानून को दरकिनार कर प्राइवेट कॉलेजों को मान्यता देने, सीट बढ़ाने जैसे गंभीर आरोप हैं. इस मामले में CBI ने पांच टीमें बनाकर जांच शुरू कर दी है। जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है. इधर CBI में तीन माह की जांच के बाद मुकदमा दर्ज होने से दून से दिल्ली और श्रीनगर तक हड़कंप मचा है.
सीबीआई एसपी के अनुसार छह मुकदमों में 20 से ज्यादा लोग नामजद हैं. इनमें देहरादून के नामी कॉलेज डॉल्फिन के अरविंद गुप्ता, एल्पाइन इंस्टीट्यूट के अनिल सैनी, बाबा फरीद कॉलेज, दून बॉयोमेडिकल साइंस, दून वैली कॉलेज, उत्तरांचल कॉलेज के संचालक संजय चौधरी, जीडीएस वार्ने, जोगेंद्र सिंह आदि के निदेशक, प्रबन्ध के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं.
दर्ज मुकदमों में कई आरोपी वर्तमान में यूनिवर्सिटी के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हैं. करीब तीन साल पहले CBI ने देहरादून के प्राइवेट कॉलेजों को सम्बद्धता देने, बिना मानकों के सीटें बढ़ाने, कोर्स की मान्यता देने जैसी गड़बड़ी की जांच शुरू की थी. जांच के बाद गढ़वाल यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार, समेत 30 से ज्यादा प्रोफेसर, स्टाफ और प्राइवेट कॉलेज संचालकों से पूछताछ हुई. मामले में बिना निरीक्षण के मान्यता कमेटी, निरीक्षण कमेटी की रिपोर्ट देने की बात समाने आई. इससे यूनिवर्सिटी के तत्कालीन वीसी जेसी कौल, उनके OSD डीएस नेगी, निरीक्षण कमेटी के सदस्य रहे प्रोफेसर और अन्य स्टाफ की संलिप्तता सीबीआई की जांच में सामने आई. सीबीआई के एसपी पाणिग्रही के अनुसार पिछले माह 20 लोगों के खिलाफ 6 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इन मुकदमों के सिलसिले में शुक्रवार को 14 जगह पूर्व वीसी, उनके ओएसडी, प्रोफेसरों और कॉलेजों के संचालकों के यहां छापेमारी की है.