नई दिल्ली। एक्जिट पोल के नतीजों के विपक्षी दलों ने सिरे से खारिज कर दिया है। एक्जिट पोल के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्षी दलों का तनाव रविवार को सामने आने लगा। एक्जिट पोल के नतीजों को फर्जी बताते हुए कांग्रेस ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष को हतोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने दल के राज्य कमेटियों एवं प्रत्याशियों से बात की और शाम में विपक्ष का एक प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग से मिला। विपक्ष ने आयोग से ईवीएम में वोटों की गिनती से पहले पोस्टल बैलेट के वोटों की गिनती कराने और उसके नतीजे को सार्वजनिक करने की मांग की। विपक्ष ने आशंका जताई कि पोस्टल बैलेट के वोटों की मदद से चुनाव के नतीजों को प्रभावित किया जा सकता है। विपक्ष ने चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया कि वोटों की गिनती नियमों के तहत हो।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम तीसरी बार एक साथ चुनाव आयोग से मिलने आए हैं। नियमों के तहत पोस्टल बैलेट की गिनती पहले होती है। हम चाहते हैं कि उसके नतीजे भी ईवीएम की गिनती से पहले बता दिए जाएं। माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि वोटों की गिनती के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। पूरी प्रक्रिया को सीसीटीवी से निगरानी करने एवं कंट्रोल यूनिट को सत्यापित (वेरिफिकेशन) कराने की भी मांग की। कहा कि मशीन से जो आंकड़े आएं उन्हें कन्फर्म किया जाए। येचुरी ने कहा कि ईवीएम के सील को तोड़ने से पहले उसे काउं¨टग एजेंट से वेरिफाई करने कराया जाए। आयोग से मिलने वाले विपक्षी नेताओं में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, भाकपा के डी. राजा, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, माकपा के सीताराम येचुरी, सपा के रामगोपाल यादव, डीएमके के टीआर बालू, राजद नेता संजय यादव एवं नासिर हुसैन शामिल थे।इसके पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं राहुल गांधी ने विभिन्न राज्यों के अपने दल के नेताओं एवं प्रत्याशियों से ऑनलाइन बात की। जयराम रमेश ने बताया कि सबका मानना है कि विपक्षी गठबंधन को 295 सीटों से कम नहीं मिलने जा रही है, बल्कि इससे ज्यादा मिलेगी।
कांग्रेस ने एक्जिट पोल को सरकारी बताया और कहा कि चार जून को जीत हमारी होगी। बैठक में प्रत्याशियों से आगे की रणनीति पर भी चर्चा की गई। वोटों की गिनती के दिन सबको सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी गई। जयराम रमेश ने एक-एक कर सभी राज्यों के कांग्रेस नेताओं को मीडिया के सामने ऑनलाइन प्रस्तुत कराया, जिसमें सबने दावा किया कि उनके राज्य में आइएनडीआइए के प्रत्याशी सबसे आगे हैं।