देशभर के साथ ही हरिद्वार महाकुंभ में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के चलते सन्यासियों के निरंजनी और आनंद अखाड़े ने बड़ा फैसला लिया है. इन दोनों अखाड़ों में आए संत आगामी 17 अप्रैल से कुंभ क्षेत्र से वापस हो जाएंगे. हरिद्वार में गुरुवार देर शाम आयोजित निरंजनी अखाड़े के पट्टाभिषेक समारोह के बाद यह फैसला लिया गया. दरअसल कोरोना का संक्रमण देशभर के साथ ही हरिद्वार कुंभ में भी फैल रहा है. हरिद्वार कुम्भ में बड़ी संख्या में साधु संत और श्रद्धालु गण उमड़ रहे हैं. इन परिस्थितियों में ना तो मास्क और ना ही दो गज की दूरी का सही से पालन हो पा रहा है. देश भर से उमड़ रहे श्रद्धालु कुम्भ में तेजी से कोरोना संक्रमण फैला रहे हैं.
यही नहीं निरंजनी अखाड़े के महंत और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी भी कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं और ऋषिकेश एम्स में भर्ती हैं. लिहाजा निरंजनी अखाड़े ने आनंद अखाड़े ने अखाड़ो में होने वाली कुम्भ विदाई की रस्म जिसमे कढ़ी पकोड़ा बना कर सभी का भंडारा किया जाता है. के साथ कुम्भ 2021 की समाप्ति का फैसला लिया है. हरिद्वार कुंभ आगामी 30 अप्रैल तक चलेगा, लेकिन 17 अप्रैल को इन दोनों अखाड़ों के साधु संत वापस हो जाएंगे. कुंभ मेला क्षेत्र में इन दोनों अखाड़ों की छावनी हट जाएंगी.