देहरादून: उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी पहल की। भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने को आम जनता के लिए 1064 वेब एप लांच किया गया। यदि कोई भी व्यक्ति रिश्वत घूस आदि लेने की मांग करता है तो 1064 नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाता है और दोषी पर समयबद्ध कार्रवाई होती है।
18 मई 2022
देहरादून आरटीओ दफ्तर में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने छापा मारा। यहां कई अफसर और कर्मचारी गैरहाजिर मिले। खुद आरटीओ दिनेश पठोई के गैरहाजिर मिलने पर सीएम ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। वहीं गैर हाजिर कर्मचारियों की सैलरी रोकने के आदेश दिए। हालांकि, जांच के बाद संतोषजनक जवाब मिलने पर पठोई को बहाल कर दिया गया।
22 जून 2022
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के चर्चित अधिकारी राम विलास यादव को निलंबित कर दिया गया। इतना ही नहीं, निलंबन से कुछ ही देर बाद उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया।
22 जुलाई 2022
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री के आदेश पर 22 जुलाई को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। अब तक इस मामले में मास्टरमाइंड मूसा समेत 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
8 अगस्त 2022
पूर्व आईएफएस किशनचंद व अन्य अधिकारियों पर मुकदमे की अनुमति दी। कॉर्बेट पार्क में टाइगर सफारी बनने में अनियमितता का मामला सामने आया था। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर शासन से मुकदमे की अनुमति मांगी थी।
7 सितम्बर 2022
परिवहन मुख्यालय में तैनात एआरटीओ आनंद जायसवाल को भ्रष्टाचार के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया। आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2010 से 2015 तक एआरटीओ ऋषिकेश रहते हुए चालान की राशि में हेरफेर कर 29.32 लाख रुपये का गबन किया था। उनके खिलाफ मार्च 2017 में मुकदमा दर्ज हुआ था।
8 अक्टूबर 2022
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक और करारा वार किया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर परीक्षा घोटालों की जांच कर रही एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत (पूर्व आईएफएस), सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है। आरबीएस रावत उत्तराखंड में वन विभाग के हेड रह चुके हैं। यह कार्रवाई एसटीएफ ने UKSSSC द्वारा 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच के बाद की है।