25.1 C
Dehradun
Tuesday, October 14, 2025

प्रलय मिसाइल से लेकर तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी तक; कर्तव्य पथ पर पहली बार दिखे ये दृश्य

नई दिल्ली: भारत ने रविवार को 76वां गणतंत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर कर्तव्य पथ पर आयोजित समारोह में देश की सैन्य शक्ति, कला एवं संस्कृति, विविधिता और सरकारी योजनाओं की सफलता की झलक देखने को मिली। इस बार की परेड में प्रलय मिसाइल से लेकर सेना के तीनों अंगों की झांकी तक कई चीजें पहली बार देखने को मिलीं।
कैप्टन डिंपल सिंह भाटी ने लड़ाकू दस्ते का नेतृत्व करते हुए चलती मोटरसाइकिल पर 12 फुट ऊंची सीढ़ी पर चढ़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी। जिसके बाद वे ऐसा करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई। कैप्टन भाटी ने संतुलन और शालीनता के साथ राष्ट्रपति को सलामी दी। उनके प्रदर्शन में भारतीय सेना की सिग्नल कोर के साहस, सटीकता और उत्कृष्टता को दर्शाया गया, जिसे ‘‘डेयर डेविल्स’’ के रूप में जाना जाता है।
कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान दुनिया ने भारत का शक्ति प्रदर्शन देखा। सैनिकों के अभिभूत करने वाले मार्चिंग दस्ते, मिसाइलें, टैंक, लड़ाकू विमानों ने कर्तव्य पथ पर ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे देखकर दर्शक जोश से भर गए। पहली बार सैन्य बलों के बीच तालमेल की व्यापक भावना को दर्शाती हुई तीनों सेनाओं की झांकी कर्तव्य पथ पर निकली। गणतंत्र दिवस परेड में स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर्स ने जमीन, पानी और हवा में समन्वित ऑपरेशन का प्रदर्शन किया गया। तीनों सेनाओं की झांकी का विषय ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’ था। वहीं, गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय का प्रदर्शन किया गया। सेना और वायुसेना के लिए बनाई गई यह मिसाइल भारत के शस्त्रागार में पारंपरिक हमलों के लिए बनाई गई पहली बैलिस्टिक मिसाइल होगी। युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली संजय को भी पहली बार प्रदर्शित किया गया। सेना की स्वचालित युद्ध निगरानी प्रणाली सभी जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से इनपुट है। परेड में 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने हिस्सा लिया। यह पहली बार था कि जब भारत के गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया की टुकड़ी ने कर्तव्य पथ मार्च में हिस्सा लिया। यह भी पहली बार हुआ जब इंडोनेशियाई सैन्य बैंड और सैन्य टुकड़ी ने विदेश में परेड में हिस्सा लिया।
इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बल (टीएनआई) के 152 कर्मियों की मार्चिंग टुकड़ी ने परेड के दौरान बेहतरीन अंदाज में मार्च किया और लोगों की खूब तालियां बटोरीं। इस टुकड़ी में सशस्त्र बलों की सभी शाखाओं-सेना, नौसेना और वायु सेना-के कर्मी शामिल थे। दल ने ‘भिन्नेका तुंगगल इका’ (विविधता में एकता) की भावना का प्रतिनिधित्व किया। गणतंत्र दिवस के अवसर पर 5000 से अधिक लोक और आदिवासी कलाकारों ने देश के विभिन्न हिस्सों की 45 नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया। सभी अतिथियों को प्रस्तुति देखने को मिले, इसके लिए कलाकारों ने पहली बार पूरे कर्तव्य पथ को कवर किया।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

हवाई किराए में उतार-चढ़ाव के तनाव से मिलेगी मुक्ति, एलायंस एयर की नई योजना...

0
नई दिल्ली। विमानन मंत्रालय ने सोमवार को हवाई किराए से जुड़ी एक नई पहल शुरू की। सरकारी स्वामित्व वाली क्षेत्रीय विमानन कंपनी एलायंस एयर...

बिहार चुनाव: EC ने भरोसा बढ़ाने के लिए उठाया कदम, राजनीतिक दलों की मौजूदगी...

0
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले उम्मीदवारों के बीच इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता बढ़ाने के...

‘आरक्षण से नहीं, योग्यता से न्यायिक सेवाओं में आ रहीं 60% महिलाएं’: सुप्रीम कोर्ट

0
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि न्यायिक सेवाओं में शामिल होने वाली लगभग 60 फीसदी न्यायिक अधिकारी महिलाएं हैं। शीर्ष कोर्ट...

ईपीएफ से पैसा निकालना हुआ आसान, नियमों में बड़ा बदलाव

0
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोमवार को कई बड़े फैसलों का एलान किया। ईपीएफओ के बोर्ड ने अपने सात करोड़ से अधिक...

सहकारिता ही सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन की आधारशिलाः मुख्यमंत्री

0
देहरादून। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा...