जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। घाटी के आज के हालात इस बदलाव की गवाही देते हैं। इसी कड़ी में एक और बड़ा बदलाव हुआ है। दरअसल एक दौर में जम्मू-कश्मीर दहशत, हिंसा और धर्मांधता से घिरा था, जहां चहल-पहल की लगातार कोशिश जारी है, इसी क्रम में कश्मीर में पहला मल्टीप्लेक्स खोला गया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को श्रीनगर में कश्मीर के पहले मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक जिले में जल्द ही 100 सीटों वाले सिनेमाहॉल होंगे।
घाटी में सिनेमाघरों का एक महान इतिहास
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर शहर के शिवपोरा इलाके में पहले मल्टीप्लेक्स सिनेमाहाल का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सिनेमा प्रेमी कश्मीर में हर जगह हैं और घाटी में सिनेमाघरों का एक महान इतिहास है।
बड़ा सोचने और बड़े सपने देखने का मिलेगा अवसर
उपराज्यपाल ने कहा, ‘एक समय था जब बड़ी संख्या में लोग दोस्तों और परिवारों के साथ फिल्में देखने आते थे। सिनेमा उन्हें मनोरंजन के अलावा बड़ा सोचने और बड़े सपने देखने का अवसर प्रदान करेगा।’
उन्होंने कहा कि 1965 में बॉलीवुड की एक ब्लॉकबस्टर, प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता शम्मी कपूर अभिनीत फिल्म ‘जानवर’ ब्रॉडवे सिनेमा में प्रदर्शित की गई थी।उपराज्यपाल ने कहा, ‘कश्मीर के लिए कपूर का प्यार ऐसा था कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को श्रीनगर के डल झील में उनका अंतिम संस्कार करने के लिए कहा था।’
हर जिले में 100 सीट वाले सिनेमा हॉल स्थापित करने की योजना
कश्मीरी लोग पिछले तीन दशकों से मनोरंजन के लिए तरसे हैं और अब पहला मल्टीप्लेक्स घाटी के लोगों को मनोरंजन करने का मौका देगा। पुलवामा और शोपियां जिलों में दो बहुउद्देश्यीय सिनेमाहॉल शीघ्र ही आ रहे हैं। हम जम्मू-कश्मीर के हर जिले में 100 सीट वाले सिनेमा हॉल स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
श्रीनगर कभी था मनोरंजन का केंद्र
श्रीनगर कभी मनोरंजन का केंद्र था क्योंकि जिले में लगभग आठ बड़े सिनेमाघर थे जिसमें पैलेडियम, रीगल, शीराज़, नीलम, खय्याम, ब्रॉडवे, नाज़ और फिरदौस शामिल थे। भारत सरकार के प्रयासों से आज हम खोए हुए युग को फिर से वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। आज सिनेमा का उद्घाटन जम्मू-कश्मीर की बदलती तस्वीर को दर्शाता है।
याद हो 5 अगस्त 2019 एक ऐतिहासिक दिन था जब भारतीय संसद ने बड़ा फैसला लिया। इस संबंध में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ‘दिल्ली की सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति खरीदने की कोशिश नहीं कर रही है बल्कि यहां स्थायी रूप से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।’
युवा फिल्म निर्माताओं को मिलेगा प्रोत्साहन
उल्लेखनीय है कि हाल ही में कश्मीर में बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग की गई थी और बहुत कुछ पाइपलाइन में था। इस संबंध में उप राज्यपाल ने कहा, ‘जैसे ही हम इसमें होंगे, फिल्म सिटी भी स्थापित की जाएगी।’ हम नई फिल्म नीति के तहत युवा फिल्म निर्माताओं को काफी प्रोत्साहन देंगे ताकि स्थानीय रोजगार पैदा हो सके। उपराज्यपाल ने कहा कि जिन लोगों ने वर्षों तक जम्मू-कश्मीर पर शासन किया वे अपने मनोरंजन के लिए जम्मू-कश्मीर और यहां तक कि विदेशों से भी बाहर जाते थे, जबकि मनोरंजन के सभी साधन यहां बंद रहे।’
1965 में यहां हुआ करता था ब्राडवे सिनेमा
श्रीनगर में शुरू हुआ यह आईनॉक्स मल्टीप्लेक्स, बादामी बाग सैन्य छावनी क्षेत्र में ठीक उसी जगह बनाया गया है, जहां कभी 1965 में ब्राडवे सिनेमा हुआ करता था। ब्राडवे अब इतिहास हो चुका है। यह मल्टीप्लेक्स करीब दो साल में बनकर तैयार हुआ है। इसके मालिक कश्मीरी हिंदू विकास धर हैं। उन्होंने आतंकियों की धमकियों की परवाह किए बिना कश्मीर से पलायन नहीं किया। इस जगह पर पूर्व में बना ब्राडवे सिनेमा भी विकास धर का ही था।
1 अक्टूबर से खुलेगा मल्टीप्लेक्स
विजय धर ने कहा है कि पहले दिन हम फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ दिखा रहे हैं। ऐसा इसलिए कि फिल्म के कई सीन कश्मीर में फिल्माए गए हैं। इसमें कई कलाकार कश्मीरी हैं। आम लोगों के लिए मल्टीप्लेक्स 01 अक्टूबर से खुलेगा। अगले 10 दिन तक हम वादी के विभिन्न वर्गों के लिए फिल्म के विशेष शो आयोजित कर रहे हैं। इसमें डाल्वी एटम डिजिटल साउंड सिस्टम लगाया गया है। मल्टीप्लेक्स में तीन सिनेमाहॉल की सुविधा है।