भारत सरकार ने सिक्योरिटी वजहों से सिम कार्ड बिक्री के नियमों को सख्त कर दिया है, जिससे सिम कार्ड फ्रॉड की घटनाओं पर रोक लगाया जा सके। इसके लिए रिटेल स्टोर के कर्मचारियों के बैकग्राउंड चेकिंग समेत कई तरह के नियम लागू किए गए है।
बता दें कि यह नियम 1 अक्टूबर 2023 यानी आज से देशभर में लागू हो गए हैं। इन नियमों के उल्लंघन पर 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। भारत सरकार के नए नियमों का असर सिम बिक्रेता और खरीददार दोनों पर पड़ेगा। सिम कार्ड बिक्रेता कोई फर्जी सिम नहीं बेच पाएगा।
ये 5 नियम बदल गए…
रिटेल स्टोर के लिए नए नियम – सिम कार्ड बेचने वाले स्टोर को अपने कर्मचारियों की सारी जानकारी रखनी होगा। रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि पुलिस वेरिफिकेशन प्रॉसेस से कर्मचारियों को होकर गुजरना पड़ सकता है। अगर कोई रिटेल स्टोर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर 10 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। दूरसंचार कंपनियों को 30 सितंबर तक सभी रिटेल स्टोर का रजिस्ट्रेशन कराना था।
सिम बेचने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन्स- असम, कश्मीर और उत्तर-पूर्व के राज्य में सिम कार्ड बेचने के नियम बदल गए हैं। इन इलाकों में दूरसंचार कंपनियों को नए सिम कार्ड बेचने के लिए अपने स्टोर का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा।
सिम कार्ड खोन पर होगा वेरिफिकेशन- नए सिम कार्ड खरीदने वाले या सिम कार्ड खोने या फिर टूटने के हालात में व्यक्तियों को वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
एयरटेल जियो की जिम्मेदारी- एयरटेल और जियो जैसी दूरसंचार कंपनियां की जिम्मेदारी तय की गई है, वो सिम कार्ड बेचने वाले स्टोर के नए नियमों का सख्ती से पालन करें।
जारी किया जाएगा आईडी- DoT के नए नियमों के तहत सभी सिम कार्ड रिटेल स्टोर को एक कॉरपोरेट आईडी नंबर CIN जारी किया जाएगा। बिना इसके कोई भी सिम नहीं बेच पाएगा। रिटेल स्टोर को DoT में खुद को रजिस्टर्ड कराने के लिए आधार, पासपोर्ट, पैन और जीएसटी की डिटेल देनी होगी। अगर कोई स्टोर बिना रजिस्ट्रेशन के सिम कार्ड बेचते पाया जाता है, तो उसकी आईडी को ब्लॉक कर दिया जाएगा। साथ ही जुर्माना लगाने का प्रावधान है।