मसूरी: 24 सप्ताह के कठिन एवं कठोर प्रशिक्षण के बाद 38 युवा डाक्टर सहायक कमांडेंट (चिकित्सा अधिकारी) के रूप में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्यधारा में शामिल हुए। इस अवसर पर आइटीबीपी अकादमी के परेड ग्राउंड में भव्य पासिंग आउट परेड आयोजित की गई, जिसमें इन प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज एवं बल ध्वज के नीचे शपथ ग्रहण की और खुद को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
आईटीबीपी अकादमी मसूरी के सेनानी प्रशासन शोभन सिंह राणा ने बताया कि 16 अक्तूबर को आईटीबीपी अकादमी के परेड ग्राउंड में मेडिकल अधिकारियों का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। जिसमें 38 मेडिकल अधिकारी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए, जिन्हें दीक्षांत समारोह के बाद आईटीबीपी के विभिन्न यूनिटों में सेवा के लिए तैनात किया जाएगा। दीक्षांत समारोह सुबह नौ बजे से आयोजित हुआ।
इस बैच में केरल राज्य से सात, आंध्र प्रदेश और पंजाब के छह-छह, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तीन-तीन, हरियाणा और दिल्ली के दो-दो और झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू एवं कश्मीर, तमिलनाडू, बिहार एव मध्य प्रदेश के एक-एक चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
प्रशिक्षण के बीच में ही इन चिकित्सा अधिकारियों को सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर, नई दिल्ली में कोविड-19 ड्यूटी के लिए भी तैनात किया गया था। इस सेवा के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों को महानिदेशक ने प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।
महानिदेशक संजय अरोरा ने युवा अधिकारियों को आईटीबीपी बल के गौरवशाली इतिहास और अनुशासन के उच्च मानकों के बारे में याद दिलाया। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के जवान हिमालय में ऊंचाई वाली सीमाओं की रक्षा के अलावा, बल सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी है, चाहे वह आंतरिक सुरक्षा हो, आपदा प्रबंधन हो या कोई अन्य ड्यूटी आईटीबीपी ने हमेशा उम्मीदों से परे कार्य को निष्ठा से पूरा किया है। उन्होंने विभिन्न विषयों में सर्वश्रेष्ठ चुने गए प्रशिक्षु अधिकारी को भी बधाई दी और उन्हें विजेता ट्रॉफियों से सम्मानित किया।