कोलकाता: चक्रवात तूफान रेमल एक दिन पहले पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से टकराया। 21 घंटे के बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं दोबारा शुरू तो हुईं पर खराब मौसम के कारण आठ उड़ानों को डायवर्ट किया गया तो 14 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। वहीं, तूफान के कारण पांच लोगों की मौत हो गई। सोमवार देर रात मौसम विभाग ने बताया कि रेमल बांग्लादेश के ऊपर था, लेकिन अब यह पूर्व और उत्तर पूर्व की तरफ बढ़ चुका है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात रेमल 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बीते छह घंटों में लगातार कमजोर पड़ने के बाद ‘गहरे दबाव’ में बदल चुका है। गंभीर चक्रवात के कमजोर पड़ने के बाद रेमल सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे केंद्रित हो गया।
एएआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि खराब मौसम के कारण कोलकाता जाने वाली आठ उड़ानों को गुवाहाटी, गया, वाराणसी और भुवनेश्वर जैसे अन्य हवाईअड्डों पर डायवर्ट करना पड़ा है। कोलकाता हवाई अड्डे के निदेशक सी पट्टाभि ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के कारण किसी भी बुनियादी ढांचे को नुकसान नहीं हुआ है। जलभराव की कोई समस्या नहीं हुई क्योंकि हमने पानी निकालने के लिए कुशल पंपों का इस्तेमाल किया। वहीं, गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुवाहाटी से कोलकाता जाने वाली चौदह उड़ानें रद्द किया गया है। रद्द उड़ानों में इंडिगो की चार, एलायंस एयर की चार और एयर इंडिया की एक उड़ान शामिल है। वहीं, खराब मौसम के कारण अगरतला हवाई अड्डे से 11 उड़ानें रद्द कर दी गईं। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया।
जानकारी के अनुसार, बंगाल के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो चक्रवात के कोलकाता में एक, दक्षिण 24 परगना जिले में दो महिलाएं और पूर्व मेदिनीपुर के मेमारी में एक पिता-पुत्र की मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात के कारण 15 हजार घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। दो लाख से अधिक लोगों को बचाव शिविरों में भेजा गया। 77 हजार से अधिक लोग अभी भी राहत शिविर में ही हैं। राज्य भर में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए हैं। पुलिस और एनडीआरएफ उन्हें हटा रहे हैं। बिजली खंभों के उखड़ने के कारण बिजली व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, बांग्लादेश में करीब 10 लोगों की मौत हुई है। 15 मिलियन लोग वहां बिना बिजली के हैं।