कुम्भ 2021 का आगाज हो चुका है जिस पर कोरोना के संक्रमण का खतरा बना हुआ होने के कारण उच्च न्यायालय और सरकार द्वारा कई प्रतिबन्ध लगाये गये हैं. जिस पर संतों की सबसे बड़ी संस्था अखाड़ा परिषद ने सरकार ओर उच्च न्यायालय से कुछ रियायत दिए जाने की माँग की है. कोविड 19 के कारण संक्रमण को देखते हुए उच्च न्यायालय , केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने कोविड गाइडलाइन के नाम पर कई प्रतिबन्ध लगाये है जिनसे कुछ रियायात दिए जाने की मांग करते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि एक अप्रैल से कुछ की विधिवत शुरूआत हो चुकी है और श्रृद्धालु कुम्भ में आने का मन मना चुके है.
उन्होंने कहा कि कोविड के संक्रमण को देखते हुए यह जरूरी है कि सभी लोग कोविड के नियमों का पालन करते हुए मास्क पहने, बार बार हाथ धोए और एक दूसरे से 2 गज से दूरी बना कर रखें. लेकिन वे मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालय से अपील करते है कि कोविड के नाम पर इतने प्रतिबन्ध लगाना ठीक नही है. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार कोविड टेस्ट तो सही पर रजिस्ट्रेन और चैकिंग ठीक नहीं, इससे कुम्भ क्षेत्र में आने वाले बाॅडरों पर गाडियों की लम्बी लम्बी लाइने लग जाएगी, जिससे जहां एक और प्रशासन को कठनायी होगी तो वही कुम्भ में आने वाले श्रृद्धालुओं को भी दिक्कतें झोलनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ ऐसा करें की कुम्भ में आने वाले श्रृद्धालु खुले मन से आए और सभी लोग पढ़े लिखे है वे आशा करते है कि सभी लोग कोविड के नियमों का पालन करेगें. उन्होंने हरिद्वार के व्यापारियों के विषय में भी कहा कि हरिद्वार का व्यापारी पिछले ढेड साल से कुम्भ का इंतजार कर रहा है अगर श्रृद्धालु नहीं आएगें तो लाॅकडाउन का मारा व्यापारी और परेशान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि श्रृद्धालुओं के आने से मेले का स्वरूप भी अच्छा होगा और श्रृद्धालुओं को रोककर मेला सफल नहीं हो सकता.
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