19 C
Dehradun
Thursday, October 17, 2024

राज्यपाल ने सराहनीय सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स को सम्मानित किया

देहरादून/ऋषिकेश। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को एम्स ऋषिकेश में पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल पर 6वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। दो दिवसीय इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के डॉक्टर्स ने विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं मंे प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने सराहनीय सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स को सम्मानित किया और इस सम्मेलन की स्मारिका का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ‘पारिवारिक चिकित्सा एवं प्राथमिक देखभाल’ स्वास्थ्य सेवाओं की आधारशिला है। पारिवारिक चिकित्सक परिवार के सभी सदस्यों की स्वास्थ्य स्थिति को समझकर बेहतर इलाज प्रदान कर सकते हैं। पारिवारिक चिकित्सा केवल रोग के इलाज तक सीमित नहीं होती, बल्कि स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने और रोकथाम पर भी ध्यान देती है। बढ़ती हुई बीमारियों के दौर में इलाज की आवश्यकता कम, बचाव एवं काउंसिलिंग की जरुरत ज्यादा है। कोई भी परिवार या व्यक्ति अपने खान-पान, तनाव, घरेलू हिंसा, परेशानी, व्यक्तिगत परेशानियों के बारे में पारिवारिक चिकित्सक की सलाह लेना पसंद करते हैं। इसलिए फैमिली मेडिसिन और प्राइमरी केयर चिकित्सकों की अत्यंत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अगर हमारे डॉक्टर्स जनसमुदाय के बीच में जाकर समाज और परिवार की सतत निगरानी और काउंसिलिंग करें तो शायद बीमारियां अपना खतरनाक रूप ले ही नहीं पाएंगी और बीमारी बढ़ने से पहले ही ठीक हो जाएगी। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण लोग गंभीर अवस्था में ही चिकित्सकों के पास जाते हैं। प्राथमिक देखभाल को मजबूत करने से विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। उन्होंने डॉक्टर्स से दूरस्थ क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पंहुचाने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने एम्स, ऋषिकेश की निदेशक प्रो0 मीनू सिंह के निर्देशन में चल रहे फैमिली मेडिसिन एवं सोशल आउटरीच सेल के द्वारा उत्तराखण्ड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अभी तक 1.5 लाख से अधिक मरीजों को डोरस्टेप केयर दिए जाने और गांव एवं मलिन बस्तियों में कम्युनिटी वेलनेस कार्यक्रम एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन एवं ड्रोन के जरिए सुविधाएं प्रदान किए जाने के लिए सराहना की। सम्मेलन में उपस्थित परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती ने भी अपने विचार रखे और कहा कि परिवारों को अपनी पुरातन संस्कृति से जोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मेडिसिन के साथ-साथ मेडिटेशन जरूरी है। इस अवसर पर अध्यक्ष एकेडमी ऑफ फैमिली फिजीशियन ऑफ इंडिया डॉ रमन कुमार ने भी अपने विचार रखे। एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने देशभर से आए डॉक्टर्स का स्वागत करते हुए इस सम्मेलन को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सम्मेलन के संयोजक डॉ संतोष कुमार, डीन अकादमिक एम्स प्रो. जया चतुर्वेदी सहित अनेक डॉक्टर्स मौजूद रहे।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

जस्टिस संजीव खन्ना होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश, सीजेआई चंद्रचूड़ ने की सिफारिश

0
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस संजीव खन्ना देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। वर्तमान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने...

विमानन मंत्री बोले-बम धमकी के मामलों की जांच कर रहीं एजेंसियां, स्थिति पर सरकार...

0
नई दिल्ली: विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बुधवार को बताया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां सभी बम धमकी के मामलों की सक्रियता से जांच...

कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने 62 सीटों पर मंजूर किए नाम, 20 को CEC की...

0
नई दिल्ली: महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने बुधवार को बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए बनी स्क्रीनिंग समिति ने 62 सीटों पर उम्मीदवारों...

राजस्व वृद्धि के लिए नवाचार और कर संग्रहण में वृद्धि के लिए और प्रयास...

0
देहरादून। राज्य में राजस्व वृद्धि के लिए सभी विभागों द्वारा इनोवेटिव प्रयास किये जाएं। विभागों द्वारा राजस्व बढ़ाने के लिए नये स्रोतों पर विशेष...

खाद्य पदार्थों में थूक और गंदगी मिलाने की घटनाओं के बाद सीएम के निर्देश...

0
-दोषियों पर लगेगा 25 हजार से 1 लाख रूपये तक का जुर्माना देहरादून। उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों में थूक व गंदगी मिलाने की घटनाओं पर...