उत्तराखंड में शेर ए गढ़वाल कहे जाने वाले हरक सिंह ने एक बार फिर से अपने राजनैतिक कर का परिचय दे दिया है. पूर्वर्ती त्रिवेंद्र सरकार में श्रम बोर्ड से हटाए गए 38 कर्मचारियों को हरक सिंह रावत ने बहाली के आदेश दे दिए हैं. इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सरकार में एक के बाद एक ऑडिट और जांच करने में वाली सचिव दीप्ति सिंह का भी तबादला कर दिया गया है. जबकि त्रिवेंद्र सरकार में मनोनीत श्रम बोर्ड के अध्यक्ष एसएस सत्याल की भी छुट्टी हो गई है. हरक सिंह रावत का कहना है कि इस संबंध में सचिव श्रम को आदेश दिए हैं कि बोर्ड से जिन कर्मचारियों को हटाया गया था, उन्हें उसी तिथि से बहाल कर दिया जाए, जब से उन्हें हटाया गया था.
हरक सिंह का कहना है कि हमारा पहला दायित्व रोजगार देने पर होना चाहिए, न कि बेवजह किसी को हटाने पर. इसी के दृष्टिगत उन्होंने यह आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में पिछले साल अक्टूबर में श्रम मंत्री डा. रावत को बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाते हुए शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष बना दिया गया था. तब डा. रावत ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी. हालांकि, सरकार ने तुरंत ही समूचे बोर्ड का नए सिरे से गठन कर तब सचिव का दायित्व देख रहीं दमयंती रावत को उनके मूल विभाग में भेजकर श्रमायुक्त दीप्ति सिंह को सचिव का जिम्मा सौंपा था.
यही नहीं, तब नए बोर्ड ने पिछले बोर्ड के तमाम फैसलों को भी पलट दिया था. अब सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद एक रोज पहले ही बोर्ड के सचिव पद पर उपश्रमायुक्त मधु चौहान को नियुक्ति दे दी गई थी. यही नहीं, अब बोर्ड के अध्यक्ष की छुट्टी होने के बाद पूर्व में बोर्ड द्वारा हटाए गए कर्मचारियों की बहाली के आदेश श्रम मंत्री ने दिए हैं.
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