देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान बतौर मुख्यमंत्री सूझबूझ का परिचय देते हुए विपक्षी दलों के विधायकों के क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण हेतु बड़ा दिल दिखाया है।
अमूमन यह माना जाता है सत्ताधारी दल के मुखिया, विपक्षी दलों के विधायकों की मांगों को उतनी तर्जियत नहीं देते हैं लेकिन मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान इसके बिल्कुल उलट देखने को मिला। मुख्यमंत्री धामी विधानसभा पहुंचते ही दोनों विधायकों के पास गये और उन्हें अपने कक्ष में आमंत्रित किया। केदारनाथ से विधायक मनोज रावत और पिथौरागढ़ के विधायक हरीश धामी के क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा दिल दिखाते हुए दोनों विपक्षी विधायकों की समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को दोनों ही विधायकों के क्षेत्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए निर्देश दिए हैं।
धारचूला में मोबाईल कनेक्टिविटी ठीक करने के निर्देश
मुख्यमंत्री से बात बातचीत के दौरान धारचूला विधायक हरीश धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र धारचूला में मोबाईल कनेक्टिविटी की समस्या के बारे में जानकारी देते हुए मोबाइल टावर लगाए जाने का अनुरोध किया। वहीं
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कि कोविड संक्रमण में कमी को देखते हुए चारधाम यात्रा को पुनः शुरू किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि धारचूला क्षेत्र में मोबाईल कनेक्टिविटी के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जहां इसके लिए केंद्र सरकार की मदद की अवश्यक्ता पड़े, तो केंद्र से मदद ली जाए। वहीं चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के संबंध में राज्य सरकार ने माननीय न्यायालय में अपना पक्ष रखा है।
बाकी मुख्यमंत्रियों से अलग हैं सीएम धामी
उत्तराखंड के इतिहास में सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूँ तो लगातार शालीनता और सादगी का परिचय देते हुए आए हैं, लेकिन राजनीतिक परंपराओं और विचारधारा से इतर जाकर, विकास के मुद्दों पर आगे बढ़ना बेहद मुश्किल है, शायद यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाकी मुख्यमंत्रियों से अलग नजर रहे हैं।