देहरादून: राजधानी दिल्ली के साथ साथ उत्तराखंड के लिए भी हवा कुछ खास अच्छी नहीं है। देहरादून में दिवाली के बीतने के बाद भी वायु प्रदुषण का खतरा बना हुआ है। एक्यूआई में कमी नहीं आ रही है। सांस लेने का खतरा बढ़ा हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो ये बहुत नुकसान कर सकता है। बता दें कि दिल्ली में तो लॉकडाउन जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
हर साल दिवाली के बाद वायु प्रदुषण का खतरा बढ़ता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। मगर दिल्ली में खराब हुई हवा के कारण उत्तराखंड पर भी असर पड़ने का खतरा जताया जा रहा है। गौरतलब है कि ऐसा होने पर आम जनों और खासकर मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी। हालांकि अभी एयर पोल्यूशन एपीआई के मुताबिक दून में –
ओथ्री एक्यूआई – 86 (केवल इसमें कमी आई है)
पीएम 2.5 का एक्यूआई – 449
सवेरे पीएम 10 का एक्यूआई – 425 (बेहद खतरनाक)
हवा – 65 फीसदी नमी
बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों दून में इस वक्त छह से सात गुना ज्यादा प्रदुषण बना हुआ है। एक तरफ हवा में पीएम 10 के लिए वार्षिक औसत स्तर 20 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर और 24 घंटे के लिए 50 माइक्रो प्रति घन मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। वहीं यह 60 और 100 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए। इसलिए देहरादून में खतरा तो काफी बना हुआ है।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि प्रदुषण के बहुत सारे नुकसान हैं जो शारीरिक भी हैं। आंख से लेकर गला, फेफड़ा और दिल आदि अंगों को प्रदुषण नुकसान पहुंचा सकता है। सांस लेने की क्षमता पर असर डालता है। दिल्ली में तो खतरे को देखते हपए केजरीवाल सरकार ने कई सामान्य गतिविधियों पर भी रोक लगा दी है।