उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस की विपक्षियों से चुनावी जंग से पहले अपने ही राह में रोड़ा बन गए हैं। यह इसलिए क्योंकि दोनों ही पार्टियों के बागी पार्टियों को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के 22 बागियों ने दोनों दलों के पसीने छुड़ा दिए हैं। इधर डैमेज कंट्रोल करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में अपने बड़े नेताओं को बागियों को मनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी।
लेकिन इसमें दोनों पार्टियों को पूरी सरलता हाथ नहीं लगी। प्रदेश भर में 20 में से भाजपा के सिर्फ 5 बागी ही मान पाए। इधर कांग्रेस के 15 बागियों में से 8 बागीयों को मनाने में कांग्रेस कामयाब हुई है। भाजपा को खासकर धनोल्टी घनसाली,कर्णप्रयाग ,कोटद्वार ,रुद्रपुर ,भीमताल तो वहीं कांग्रेस को लाल कुआं, रुद्रप्रयाग ,यमुनोत्री और घनसाली विधानसभाओं में बागियों के वजह से मुश्किलों का सामना चुनावों में करना पड़ सकता है ।
भाजपा के बागियों में डोईवाला सीट से जितेंद्र नेगी, धर्मपुर से वीर सिंह पवार, देहरादून कैंट से दिनेश रावत ,धनोल्टी से महावीर रांगड़ ,घनसाली से दर्शन लाल, कोटद्वार से धीरेंद्र सिंह चौहान, कर्णप्रयाग से टीका प्रसाद मैखुरी ,रुद्रपुर से विधायक राजकुमार ठुकराल, किच्छा से अजय तिवारी ,रानीखेत से दीपक करगेती ,लाल कुआं से पवन चौहान और कुंदन मेहता, भीमताल से लाखन सिंह नेगी और मनोज शाह ,तो रुड़की से नितिन शर्मा है
कांग्रेस के बागीयों में घनसाली से भीम लाल आर्य ,यमुनोत्री से संजय डोभाल ,रुद्रप्रयाग से मातबर सिंह कंडारी, लाल कुआं से संध्या डालाकोटी, बागेश्वर से बाल कृष्ण और भैरव नाथ व रामनगर से संजय नेगी शामिल हैं।