विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं है। इसके लिए अब सिर्फ यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी UGC NET में योग्यता पर्याप्त मानी जाएगी।
PhD not mandatory for Assistant Professors’ posts in universities:
— UGC INDIA (@ugc_india) March 11, 2023
UGC Chairman @mamidala90.
Courtesy: Telanganatoday.https://t.co/XxFCuTOsDa
एक राष्ट्र-एक डेटा पोर्टल किया जा रहा विकसित
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष ने कहा कि एक राष्ट्र-एक डेटा पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें UGC के सभी दिशानिर्देश और अन्य विवरणों को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पारंपरिक मोड में शिक्षाविदों के साथ-साथ अगले शैक्षणिक वर्ष से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सीधे राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
PhD के लिए 6 साल
हाल ही में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने पीएचडी को लेकर नये नियमों की घोषणा की थी। नये नियमों के तहत PhD के लिए उम्मीदवारों को एडमिशन की डेट से अधिकतम छह साल का समय दिया जाएगा। इच्छुक छात्रों को री-रजिस्ट्रेशन के जरिए ज्यादा से ज्यादा दो साल का और समय देने की बात कही गई थी।
डिस्टेंस लर्निंग पर रोक
नए नियम के तहत ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से पीएचडी पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले थीसिस जमा कराने से पहले शोधार्थी को कम से कम दो शोध पत्र छपवाना पड़ता था। अब पीएचडी के नए नियमों में इसकी छूट दी गई है। इसके अलावा रिसर्च की प्रक्रिया के दौरान दो रिसर्च पेपर छपवाने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया गया है।