देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु के कार्यकाल समाप्त होने के बाद 1988 बैच की आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी को राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया था। अब उनकी सेवा अवधि में 6 महीने का विस्तार दिया गया है।
31 मार्च को रिटायर होने वाली थीं राधा रतूड़ी
रतूड़ी को 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन अब उनका कार्यकाल 30 सितंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इस सेवा विस्तार के साथ, वह अगले छह महीने तक उत्तराखंड की मुख्य सचिव बनी रहेंगी।
सादगी और उपलब्धियों से बनाई पहचान
राधा रतूड़ी को सादगी के साथ-साथ अपनी उपलब्धियों के लिए भी जाना जाता है। वह तीन अलग-अलग परीक्षाओं में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुकी हैं। उन्होंने स्नातक की उपाधि (बीए ऑनर्स- इतिहास) मुंबई विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से एमए (लोक प्रशासन प्रबंधन) और मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया। इन तीनों परीक्षाओं में उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
विभिन्न सेवाओं का अनुभव
रतूड़ी का भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चयन 1988 में हुआ था, लेकिन इससे पहले वह भारतीय सूचना सेवा (1986) और भारतीय पुलिस सेवा (1987) में भी कार्यरत रहीं। उन्होंने 10 वर्षों तक मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रूप में भी काम किया है।
गौरतलब है कि नवंबर, 2003 में दून की जिलाधिकारी के रूप में कार्य करने के बाद उनका स्थानांतरण शासन में अपर सचिव के रूप में हुआ था। तब से, वह सादगी का परिचय देते हुए एक ही सरकारी कमरे में कार्यरत हैं। कई अधिकारी पद बदलने पर अपने कमरे बदलते रहते हैं, लेकिन रतूड़ी ने ऐसा नहीं किया।
धामी सरकार का महिला सशक्तिकरण का प्रयास
उत्तराखंड सरकार लगातार महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठा रही है। गरीब महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, महिला समूहों को ऋण, स्वरोजगार के रास्ते खोलना और लखपति दीदी जैसी योजनाएं इसी प्रयास का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में भी महिलाओं की व्यापक भागीदारी देखी जा रही है।
अनुभवी और समर्पित अधिकारी के रूप में मिला सम्मान
राधा रतूड़ी की नियुक्ति और अब सेवा विस्तार को उत्तराखंड सरकार द्वारा एक अनुभवी और समर्पित अधिकारी के रूप में उनके कार्य की सराहना के रूप में देखा जा रहा है।