नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया है। अब केंद्र शासित प्रदेश में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति शासन हटाने का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। आठ अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के रिजल्ट घोषित हुए थे।
जम्मू और कश्मीर से रविवार को राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के संबंध में 31 अक्टूबर 2019 का आदेश मुख्यमंत्री की नियुक्ति से तुरंत पहले निरस्त हो जाएगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें गठबंधन का नेता चुना गया है। जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में औपचारिक रूप से विभाजित करने के बाद 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम- 2019 को संसद ने पांच अगस्त 2019 को पारित किया था। संविधान के अनुच्छेद 370 को भी उसी दिन निरस्त कर दिया गया था। वैसे, 31 अक्टूबर 2019 से पहले भी जम्मू और कश्मीर केंद्रीय शासन के अधीन था, क्योंकि जून 2017 में भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने त्यागपत्र दे दिया था।