बडगाम: कश्मीर घाटी में गैर स्थानीय मजदूरों पर एक और आतंकी हमला हुआ है। अब मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में मागाम के माजहामा में जल जीवन परियोजना पर काम कर रहे दो बाहरी मजदूरों को गोली मार दी गई। दोनों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो गैर स्थानीय मजदूर सुखनाग नाले के किनारे माजहामा कब्रिस्तान में टैंक के निर्माण का काम कर रहे थे। इस दौरान आतंकियों ने उनको गोली मार दी। एक मजदूर के हाथ और दूसरे की टांग में गोली लगी है। घायलों की शिनाख्त उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के सुफियान और मोहम्मद उस्मान के रूप में हुई है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है। घटना स्थल के आसपास बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। हमलावरों की तलाश की जा रही है। दोनों घायल खतरे से बाहर हैं। बताया जा रहा है कि दोनों घायलों को एसडीएच मागाम से स्किम्स बेमिना रेफर कर दिया गया है।
चिनाब घाटी के डोडा जिले में वर्तमान समय में दो आतंकी समूह सक्रिय हैं। यह जानकारी जिले के एसएसपी मोहम्मद असलम ने दी। एसएसपी ने कहा, जिले में स्थानीय आतंकियों के किसी गतिविधि में शामिल होने के कोई सबूत नहीं है। यहां तक कि स्थानीय नागरिकों ने आतंकियों का समर्थन करने से इन्कार कर दिया है। इलाके में तलाशी अभियान जारी है। सुरक्षा बल सतर्क हैं और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा, हालांकि हम यह नहीं कह सकते कि स्थानीय आतंकी पूरी तरह से अनुपलब्ध हैं। कोई स्थानीय आतंकवादी नहीं हैं। इससे पहले 20 अक्तूबर को गांदरबल में सोनमर्ग के पास गगनगीर इलाके में जेड मोड़ सुरंग निर्माण कर रही कंपनी में कार्यरत प्रवासी मजदूरों पर आतंकियों ने हमला किया था। जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के सहयोगी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। ज्ञात हो कि 18 अक्तूबर को आतंकियों ने बिहार के मजदूर की शोपियां में गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोलियों से छलनी उसका शव सड़क किनारे पड़ा मिला था। इस घटना के विरोध में नागरिक समाज और कॉलेज के छात्रों ने अगले दिन 19 अक्तूबर को विरोध मार्च निकालकर शांति की अपील की थी। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की थी। इसके अगले दिन आतंकियों ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया।
बता दें कि कश्मीर के अलग अलग जिलों में चलने वाली तमाम बड़ी परियोजनाओं में प्रवासी मजदूर काम करते हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब के मजदूर कश्मीर में सेब के बागों और इसकी पैकिंंग में काम करते हैं। निर्माण कंपनियों के विभिन्न प्रोजेक्ट में ये काम करते हैं। यहां तक कि कश्मीर में स्थानीय स्तर पर फल सब्जी बेचने वालों में भी इनकी बड़ी संख्या है। रेलवे की योजनाओं में भी इन मजदूरों से काम लिया जाता है।
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकी हमला, यूपी के दो लोगों को मारी गोली
Latest Articles
जम्मू: कृष्णा घाटी में एलओसी पर आग.. बारूदी सुरंगों में धमाके, पीओके की तरफ...
जम्मू: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओके) में लगी आग बुधवार शाम मेंढर इलाके में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा स्थित कृष्णा घाटी क्षेत्र में पहुंच...
इंफाल घाटी में तनाव, 23 नवंबर तक बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज
इंफाल। इंफाल घाटी में तनाव के बीच छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल और कॉलेज को 23 नवंबर तक बंद रखने का...
सीबीएसई ने जारी की 10वीं, 12वीं परीक्षा की डेट शीट, 15 फरवरी से होंगे...
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार रात 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा डेट शीट जारी कर दी। आमतौर पर बोर्ड नवंबर...
केदारनाथ विधान सभा उपनिर्वाचन में 57.64 फीसदी मतदान के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ निर्वाचन
देहरादून। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम के कुशल नेतृत्व में 07-केदारनाथ विधान सभा उप निर्वाचन शांतिपूर्वक एवं पारदर्शिता के साथ संपन्न हो गया...
द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हुए
रूद्रप्रयाग। पंचकेदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट आज बुधवार प्रातः शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो...