28 C
Dehradun
Wednesday, June 25, 2025

4300 करोड़ की लागत से बन रहा राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर, केंद्रीय मंत्री सोनोवाल बोले-अग्रणी समुद्री देश बनेगा भारत

लोथल (गुजरात)। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुजरात के लोथल में 4,300 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर के निर्माण कार्य का जायजा लिया। सोनोवाल ने कहा कि यह परियोजना वैश्विक पर्यटन को बढ़ावा देगी और समुद्री शिक्षा के लिए एक मंच प्रदान करेगी। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार को कहा कि गुजरात के लोथल में 4,300 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर (एनएमएचसी) देश की महत्वपूर्ण परियोजना है। यह परियोजना भारत को एक प्रमुख समुद्री राष्ट्र बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगी। पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सोनोवाल ने इस परियोजना के निर्माण कार्य का जायजा लिया। उनके साथ केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी.के. रामचंद्र ने बताया कि इस परियोजना के पहले चरण (फेज 1-ए) का निर्माण कार्य अगस्त 2025 तक पूरा हो जाएगा और इसके निर्माण का 65 फीसदी काम पहले ही पूरा हो चुका है। इस चरण का अनुमानित खर्च 1,200 करोड़ रुपये है। पूरी परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसके 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। फेज 1-ए में छह गैलरी, जेट्टी वॉकवे और लोथल शहर को विकसित किया जा रहा है। परियोजना के फेज-2 में लोथल शहर को प्राचीन रूप में दिखाया जाएगा और यहां की समुद्री धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग पवेलियन बनाए जाएंगे।
सोनोवाल ने कहा कि यह परियोजना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो समुद्री शिक्षा, पर्यटन को बढ़ावा देने और देश की समुद्री समुदाय को वैश्विक समुद्री उद्योग से जोड़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत को समुद्री राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की भी सराहना की और कहा कि इससे देश अपने विकास की दिशा में सही रास्ते पर है।
लोथल अहमदाबाद से करीब अस्सी किलोमीटर दूर स्थित है। यह प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह शहर करीब 2400 ईसा पूर्व पुराना है और यहां एक उन्नत डॉकयार्ड, समृद्ध व्यापार और प्रसिद्ध मोती बनाने का उद्योग था। यहां खुदाई में मिली कला वस्तुएं, मुहरें, उपकरण और मिट्टी के बर्तन लोथल की समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास को दर्शाते हैं। लोथल का ऐतिहासिक महत्व इस परियोजना के निर्माण के लिए प्रेरणा है, जो भारत की समृद्ध समुद्री धरोहर को संरक्षित करने में मदद करेगा।
इस परियोजना का मकसद भारत की समुद्री धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करना है। इसेक एक विश्वस्तरीय गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना में एड्यूटेनमेंट (शिक्षा और मनोरंजन का मिश्रण) का खास ख्याल रखा जाएगा, ताकि यह पर्यटकों को न केवल आकर्षित करे, बल्कि उन्हें भारत की समुद्री धरोहर से भी परिचित कराए। सोनोवाल ने कहा कि यह परियोजना वैश्विक पर्यटन को बढ़ावा देगी और समुद्री शिक्षा के लिए एक मंच प्रदान करेगी।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

पीएम मोदी की तारीफ को लेकर थरूर ने दी सफाई, कहा-यह भाजपा में शामिल...

0
तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की वैश्विक पहुंच पर उनका लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी में...

एक मोबाइल ने ले ली तीन की जान: कुएं में थी जहरीली गैस, अंदर...

0
शिकोहाबाद: यूपी के शिकोहाबाद में मोबाइल निकालने कुएं में उतरे चाचा-भतीजों को बाहर निकालने में प्रशासन की लेटलतीफी एवं बदइंतजामी सामने आई। फायर ब्रिगेड...

देश के कई हवाई अड्डों की डीजीसीए ने जांच की; विमानन प्रणाली में मिली...

0
नई दिल्ली: अहमदाबाद विमान हादसे और हवाई सेवाओं से जुड़ी तमाम घटनाओं के बाद देश के प्रमुख हवाई अड्डों और एयरलाइंस की हाल ही...

भारतीय वन्यजीव संस्थान करेगा भारतीय संरक्षण सम्मेलन की मेजबानी

0
-केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव करेंगे सम्मेलन का उद्धघाटन देहरादून। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई),...

निर्वाचन आयोग बिहार में शुरू करेगा मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण

0
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज बिहार राज्य में विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) कराने के निर्देश जारी किए...