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Monday, December 15, 2025


यूनिफॉर्म सिविल कोड की नियमावली को मिली कैबिनेट की मंजूरी

देहरादून। उत्तराखंड समेत पूरे देश की जनता जिस कानून का बेसब्री से इंतजार कर रही है, वो कानून अब उत्तराखंड में जल्द ही लागू होने जा रहा है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने की कोई तारीख को घोषित नहीं की गई, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड में यूसीसी लागू किया जाएगा। इसके अलावा 28 जनवरी को भी इसके लागू होने की उम्मीद की जा रही है।
दरअसल, प्रदेश में यूसीसी लागू करने की दिशा में धामी सरकार ने एक और बड़ा कदम आगे बढ़ा दिया है। जिसके तहत सोमवार को बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड की नियमावली को मंजूरी मिल गई। उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में उत्तराखंड सरकार महज एक कदम दूर है। वर्तमान समय में नगर निकाय चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू है।25 जनवरी को आदर्श आचार संहिता हट जाएगी। इसके बाद यानी 26 जनवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड वासियों को समर्पित किया जा सकता है।
फिलहाल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ताकि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद बेहतर ढंग से इस कानून का लोगों को लाभ मिल सके और इसका आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। माना जा रहा है कि या तो 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर नहीं को 28 जनवरी को उत्तराखंड दौरे के दौरान पीएम मोदी खुद यूनिफॉर्म सिविल कोड को विधिवत लागू कर सकते हैं। बता दें कि 28 जनवरी को 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ करने पीएम मोदी खुद देहरादून आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करना प्रदेश की देवतुल्य जनता के साथ सरकार का वादा और संकल्प था। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किए जाने को लेकर सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के साथ ही प्रशिक्षण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। देश में यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। सीएम धामी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सरलीकरण की प्रक्रिया होगी और देवभूमि उत्तराखंड से निकलने वाली यूसीसी की गंगोत्री पूरे देश में जाएगी। यूसीसी कोई बांटने वाली राजनीति नहीं है, क्योंकि यूसीसी में सभी के लिए एक समान व्यवस्था की गई है और सभी के लिए एक समान कानून होगा।

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