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Tuesday, February 4, 2025

सीएम योगी का बड़ा फैसला: अमृत और प्रमुख स्नानों पर वीआईपी मूवमेंट होगा प्रतिबंधित, नहीं रहेगा कोई प्रोटोकॉल

लखनऊ: महाकुम्भ-2025 में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ-साथ वीआईपी और वीवीआईपी भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करने आ रहे हैं। हालांकि, अमृत स्नान और प्रमुख स्नान पर्वों पर इस तरह के प्रोटोकॉल पर योगी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। सीएम योगी की मंशा के अनुसार, अमृत स्नान व प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा इसके समीप की तिथियों पर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा। योगी सरकार की ओर से मेले की शुरुआत से पहले ही इसकी घोषणा की गई थी। अब इस फैसले को सख्ती से लागू किए जाने की पहल की गई है। उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ मेला-2025 के प्रारंभ में ही योगी सरकार ने अमृत स्नान व प्रमुख स्नान पर्वों पर तथा उसके एक दिन पहले व एक दिन बाद की तिथियों पर वीआईपी मूवमेंट रोकने को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था।

योगी सरकार की इस पहल के जरिए आम श्रद्धालुओं को स्नान पर्व के अवसर पर यादगार अनुभव उपलब्ध कराया जा सकेगा, जहां वह वीआईपी मूवमेंट के कारण हुई असुविधा, मार्ग परिवर्तन, बाधा और रोक से हटकर चिंतामुक्त होकर स्नान व यात्रा कर सकेंगे। जारी सर्कुलर में इस बात का साफ उल्लेख किया गया है कि अमृत स्नान समेत सभी प्रमुख स्नान पर्वों व उसके आसपास के दिनों में वीआईपी मूवमेंट पर रोक रहेगी। ऐसे में, वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि तथा उसके एक दिन पहले व एक दिन बाद तीर्थराज प्रयागराज में मूवमेंट के इच्छुक वीआईपी व वीवीआईपी डेलिगेशन को वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं मिल सकेगा।
इतना ही नहीं, योगी सरकार ने सर्कुलर में ये भी स्पष्ट किया है कि वीआईपी व वीवीआपी मूवमेंट को लेकर एक सप्ताह पहले ही सूचना उपलब्ध करानी होगी। इससे, ऐन वक्त पर निर्धारित होने वाले वीवीआईपी व वीआईपी मूवमेंट पर भी नकेल कसने में मदद मिलेगी, जिससे स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं को होने वाली असुविधा से बचाने में मदद मिलेगी। इसी के साथ, वसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के स्नानों पर श्रद्धालुओं को प्रस्तावित भारी भीड़ के बीच लोगों से धैर्य बनाए रखने की विनती करते हुए इन तिथियों व इसके आसपास लोगों को इन तिथियों पर ऐहतियात बरतने की अपील भी की गई है।
महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के मौके पर हादसे के बाद सरकार के स्तर से की गई त्वरित कार्यवाही पर प्रमुख अखाड़ों व संतों ने संतोष जताया है। सरकारी मशीनरी द्वारा शुरू किए गए राहत व बचाव कार्य के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा खुद मानिटरिंग की कमान संभालने के फैसले की संतों ने सराहना की है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने हादसे के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मोर्चा संभालने और सीएम योगी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को व्यवस्थित करने को लेकर जिस तरह से प्रयास शुरू किए हैं वह सराहनीय है। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि योगी ने महाकुम्भ के सफल आयोजन के लिए पूरी मेहनत से प्रभावी प्रणाली लागू की है और अब भी, किसी भी समस्या को दूर करने के लिए मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत भेजा है।
उन्होंने यह भी जोर दिया कि प्रशासनिक व्यवस्था हो या श्रद्धालुओं की सुविधा, हर पहलू को सावधानीपूर्वक और गंभीरता से संभाला जा रहा है। वहीं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, रविंद्र पुरी ने कहा कि महाकुम्भ को एक भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन के रूप में मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्य प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को एक भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन के रूप में देखा जा रहा था। उन्होंने सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री के प्रयासों को रेखांकित किया, जो हर सप्ताह दो बार कुम्भ क्षेत्र का दौरा कर रहे थे और यह आश्वासन दिया था कि यदि किसी भी व्यवस्था में कोई समस्या हो, तो उसे सीधे उनके संज्ञान में लाया जा सकता है। पुरी ने मेला प्रशासन, अधिकारियों और आयोजकों की कड़ी मेहनत की सराहना की, जिन्होंने आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूरी निष्ठा से प्रयास किए।
महाकुंभ की व्यवस्था में सरकार ने पांच और अनुभवी अधिकारियों को लगाया
प्रयागराज महाकुंभ में दर्दनाक हादसे के बाद सरकार ने एक आईएएस व चार पीसीएस अधिकारियों को और महाकुंभ में लगा दिया है। यह वे अधिकारी हैं, जो पहले प्रयागराज में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वर्ष 2019 में कुंभ के दौरान प्रयागराज में बतौर मंडलायुक्त सेवाएं देने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी पहले ही महाकुंभ में तैनात किए जा चुके हैं। यह अधिकारी 15 फरवरी तक प्रयागराज में उपस्थित रहकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में सहयोग देंगे।
जिन अधिकारियों की बृहस्पतिवार को ड्यूटी महाकुंभ में लगाई गई है, उनमें वर्ष 2016 बैच के आइएएस अधिकारी अतुल सिंह हैं। वह इस समय खाद्य एवं रसद विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं। इनके अलावा पीसीएस अधिकारियों में युवा कल्याण विभाग में संयुक्त निदेशक अशोक कुमार, कानपुर में अपर जिलाधिकारी (नागरिक आपूर्ति) आशुतोष कुमार दुबे, हरदोई में अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी व बस्ती के अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) प्रतिपाल चौहान शामिल हैं।

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