25.2 C
Dehradun
Saturday, August 9, 2025

‘दुनिया में बढ़ती अर्थव्यवस्था से अधिक भारत का अध्यात्म अहम’: भागवत

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि विश्व भारत को उसके आध्यात्मिक ज्ञान के लिए महत्व देता है, न कि उसकी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए। भागवत नागपुर के शिव मंदिर में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, दुनिया भारत को अध्यात्म के क्षेत्र में विश्वगुरु मानती है। सभी के साथ अच्छाई बांटने और दूसरों के लिए जीने की भावना ही भारत को सचमुच महान बनाती है।
उन्होंने कहा, अगर हम 3 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन भी जाएं तो दुनिया को इससे कोई आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि कई देश हैं, जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। अमेरिका अमीर है, चीन अमीर हो गया है और कई अमीर देश हैं। कई चीजें ऐसी हैं जो अन्य देशों ने की हैं और हम भी करेंगे। लेकिन, दुनिया में अध्यात्म और धर्म नहीं है जो हमारे पास है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि यद्यपि धन भी महत्वपूर्ण है और इसलिए सभी क्षेत्रों में प्रगति की आवश्यकता है, लेकिन भारत को सही मायने में विश्वगुरु तब माना जाएगा जब देश अध्यात्म और धर्म में आगे बढ़ेगा। भागवत ने कहा, अध्यात्म और धर्म में यह वृद्धि तब होगी जब हम न केवल त्योहार मनाएंगे और अपनी पूजा पद्धति से काम करेंगे, बल्कि हमारा जीवन भी भगवान शिव की तरह इतना निर्भय हो जाएगा कि हम अपने गले में सांप भी धारण कर सकें। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत सभी को अच्छाई देकर महान बनता है।
भगवान शिव को दूसरों की भलाई के लिए त्याग करने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास जो गुण, शक्ति और बुद्धि है उसका उपयोग दूसरों के लाभ के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे अंदर जो भी अच्छाई है, उसे हमें सबके साथ बांटना चाहिए। बुराई कुछ हद तक मौजूद है, लेकिन उसे रोका जाना चाहिए। हमें नकारात्मकता को कभी दूसरों को नहीं देना चाहिए।
भागवत ने कहा कि कट्टरता इंसान के भीतर क्रोध और घृणा पैदा करती है, जो आगे चलकर लड़ाई और युद्ध का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं की जड़ इंसान की प्रकृति में मौजूद पांच या छह प्रवृत्तियों में छिपी हुई है। इन बुरी प्रवृत्तियों को बदलने के लिए इंसान को भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को विनम्रता का जीवन अपनाना चाहिए और सभी के प्रति करुणा रखनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हर दिन एक कदम इस पवित्र जीवन शैली की ओर बढ़ाना ही वास्तव में शिव की सच्ची भक्ति है। भागवत ने कहा कि वर्तमान दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है। यदि इंसान सही कदम नहीं उठाता, तो विनाश हो सकता है। लेकिन अगर सही दिशा में कदम उठाए, तो मानवता का एक नया और ऊंचा रूप सामने आएगा।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

सीएम के काफिले ने फर्जी एंटी करप्शन पदाधिकारी को दबोचा, पूछताछ करने पर चौंक...

0
वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले ने एक फर्जी एंटी करप्शन पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है। घटना वैशाली जिले के एनएच 22 पर स्थित...

धराली में लापता लोगों की खोज में हर तकनीक का इस्तेमाल, अब तक 729...

0
देहरादून/उत्तरकाशी: धराली आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। खोजबीन के लिए हर तकनीक का इस्तेमाल...

अमेरिका के आमंत्रण पर पीएम मोदी ने दिया जवाब, ट्रंप हुए नाराज

0
न्यूयॉर्क: मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौते के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने चार दिन...

राखी, राहत और रिश्ता-आपदा के बीच मानवीय संवेदनाओं का मार्मिक दृश्य

0
उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के...

पुनर्वास एवं आधारभूत ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहेः सीएम

0
देहरादून। उत्तरकाशी और पौड़ी के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदा में फंसे लोगों के राहत और बचाव कार्यों की तीन दिनों से स्वयं मॉनिटरिंग...