नई दिल्ली: पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले दो वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में 29 बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन मंजूरियों में सबसे ज्यादा असम में 17 परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में दूसरे नंबर पर छह परियोजनाएं त्रिपुरा में, तीन मेघालय और अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम में एक-एक मंजूरी शामिल है।
सरकार ने संसद को बताया कि पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले दो वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में 29 बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन मंजूरियों में सबसे ज्यादा असम में 17 परियोजनाएं शामिल हैं।
पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी साझा की। सिंह ने कहा कि 1 अप्रैल, 2023 से 17 अगस्त, 2025 तक, मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंधित परियोजना प्रस्तावों को 29 पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) प्रदान की हैं। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में दूसरे नंबर पर छह परियोजनाएं त्रिपुरा में, तीन मेघालय और अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम में एक-एक मंजूरी शामिल है।
मंत्री सिंह ने कहा कि पर्यावरणीय मंजूरी देने की प्रक्रिया में स्थल-विशिष्ट स्कोपिंग, आधारभूत पर्यावरणीय अध्ययन, सार्वजनिक परामर्श और विशेषज्ञ समितियों द्वारा मूल्यांकन सहित परिभाषित चरण शामिल हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पारिस्थितिक चिंताओं का समाधान किया जाए।
सरकार से पूछा गया था कि क्या पूर्वोत्तर के संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों में बड़े पैमाने की परियोजनाओं के पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन किया है और क्या जामिया मिलिया इस्लामिया की एक हालिया रिपोर्ट पर ध्यान दिया है, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि जलवायु परिवर्तन इस क्षेत्र में कृषि उपज को कम कर रहा है और खाद्य सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहा है। इसके जवाब में मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर में कृषि को प्रभावित करने वाली जलवायु परिवर्तनशीलता, अनियमित वर्षा, बाढ़ और सूखे जैसी स्थितियों से निपटने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
राज्य-स्तरीय योजनाएं, सतत कृषि के लिए राष्ट्रीय मिशन, जलवायु अनुकूल कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन आदि शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकारों, आईसीएआर और कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ‘अनुकूली क्षमताएं विकसित करने, सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने और क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा की रक्षा’ करने के प्रयास भी चल रहे हैं।
दो साल में 29 परियोजनाएं स्वीकृत, बुनियादी ढांचा विकास समेत पर्यावरण पर भी सरकार का ध्यान
Latest Articles
पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति से की बातचीत; यूक्रेन संघर्ष समेत विभिन्न मुद्दों...
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से फोन पर बातचीत की है। दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों के बीच ये...
उत्तरकाशी में अब सयानाचट्टी में बिगड़े हालात, पूरा क्षेत्र पानी में डूबा
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में एक बार फिर कुदरत का कहर बरपा है। पहले धराली और अब स्यानाचट्टी। यहां कुपड़ा खड्ड में मलबा और बड़े पत्थर...
फैटी लिवर बढ़ा सकता है लिवर कैंसर का खतरा
नई दिल्ली: फैटी लिवर की समस्या को अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो यह सिरोसिस और आगे चलकर लिवर कैंसर तक का...
ऋषिकेश में बिजली लाइनों को भूमिगत करने को केंद्र ने दी 547.73 करोड़ रु...
देहरादून। केंद्र सरकार ने आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत यूपीसीएल को ऋषिकेश में एच.टी./एल.टी. लाइनों के भूमिगत करने तथा एससीएडीए ऑटोमेशन हेतु 547.73 करोड़ रु...
आपदा में मृत्यु होने के 72 घंटे में आर्थिक सहायता देने के मुख्यमंत्री धामी...
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपदों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आपदा के दौरान किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात अनुग्रह...