17.9 C
Dehradun
Tuesday, October 7, 2025


spot_img

फिर बेनकाब हुई पाकिस्तानी फौज, PoJK के प्रदर्शनकारियों पर बेरहमी से बरसाईं गोलियां, छह की मौत

मुजफ्फराबाद/जिनेवा: पाकिस्तानी सेना का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर यानी पीओजेके में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बेरहमी से फायरिंग की। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें छह लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी अपनी 38 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। इन मांगों में आत्मनिर्णय का अधिकार, सस्ती बिजली और आटा आपूर्ति जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 29 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शनों को रोकने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स ने मुजफ्फराबाद और अन्य हिस्सों में गोलीबारी की। इंटरनेट, मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। सड़कों पर फौज तैनात कर लोगों को घरों में कैद करने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिस और रेंजर्स को आंसू गैस के गोले दागते और लाठीचार्ज करते देखा गया।
मीरपुर जिले के दुदयाल इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक मृतक का शव दफनाने से इंकार कर दिया और साफ कहा कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता, अंतिम संस्कार नहीं होगा। वहीं, संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएसी) की अगुवाई में मीरपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में विशाल रैलियां निकाली गईं। इन रैलियों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी और एकजुटता को साफ कर दिया।
इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत दो साल पहले हुई थी। उस समय लोग आटे और बिजली की नियमित व सब्सिडी वाली आपूर्ति की मांग कर रहे थे। धीरे-धीरे आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया और इसमें मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, आरक्षित सीटों की समाप्ति, और कश्मीरी अभिजात वर्ग के विशेषाधिकार खत्म करने जैसे मुद्दे भी जुड़ गए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने दो साल पहले जो समझौता किया था, उसे लागू नहीं किया गया।
इस बार प्रदर्शनकारियों ने 38 सूत्रीय मांगपत्र पेश किया है। इसमें 12 आरक्षित सीटों को खत्म करना, करों में छूट देना, सड़क निर्माण कार्यों को पूरा करना, आटे और बिजली पर सब्सिडी जारी रखना और न्यायपालिका में सुधार जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन मांगों को लेकर मुजफ्फराबाद के लाल चौक पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, जहां जेएसी नेता शौकत नवाज मीर ने लोगों को संबोधित किया और सरकार पर दबाव बढ़ाया।
जम्मू-कश्मीर नेशनल अलायंस के चेयरमैन महमूद कश्मीरी ने पाकिस्तान पर पीओजेके को सैन्य अड्डा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में सैनिक तैनात कर दिए हैं और हथियार आम नागरिकों में बांटे जा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे शांति पूर्ण प्रतिरोध पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि फौज को तुरंत हटाए और आम नागरिकों की हत्या की साजिश रोके, वरना बड़ा जनविरोध खड़ा होगा।
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और गिलगित-बाल्टिस्तान के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जिनेवा में 60वें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) सत्र के दौरान अपने क्षेत्रों में बढ़ती मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर किया। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अन्य मानवाधिकारों के अंतरसंबंध शीर्षक वाले इस सत्र में उन्होंने स्थानीय लोगों के मौलिक अधिकारों की लगातार अवहेलना को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की।
यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी ने कहा कि पीओजेके और गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान ने 77 वर्षों से अवैध कब्जा बनाए रखा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग भारी सैन्य वातावरण और दमन के बीच अपने प्राकृतिक संसाधनों और मौलिक अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों पर पाकिस्तान द्वारा गोलीबारी और दमन की घटनाओं का हवाला देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की मांग की।
गिलगित-बाल्टिस्तान के कार्यकर्ता शेरबाज खान ने प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और स्थानीय लोगों की कठिनाइयों को उजागर किया। यूकेपीएनपी के प्रवक्ता नसीर अजिज खान ने कहा कि लगभग दो साल से लोग सड़क पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान उनकी आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है। पिछले तीन दिनों में मुजफ्फराबाद में जेकेजेएएसी के नेतृत्व वाले प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल और आधा दर्जन से अधिक की मौतें हुई हैं। प्रदर्शनकारियों की मांगों में आरक्षित सीटों को खत्म करना, बिजली दरों में कटौती, सस्ती गेहूं की उपलब्धता, मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हैं। इस सत्र में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने पीओजेके और गिलगित-बाल्टिस्तान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा और पाकिस्तान से उत्पीड़न रोकने के लिए वैश्विक हस्तक्षेप की अपील की।

 

spot_img

Related Articles

Latest Articles

अशांत दुनिया में भारत का उदय एक असाधारण यात्रा’, जेएनयू में अरावली समिट के...

0
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘अरावली समिट’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। यह सम्मेलन...

कोयला खदान में विस्फोट, 10 लोग हुए घायल, दो की हालत गंभीर; बारूद भरते...

0
सरगुजा: छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के चिरमिरी ओपन कास्ट कोयला खदान में ब्लास्ट होने से 10 लोग मलबे में दब गए। जो लोग दबे...

‘मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले से हर भारतीय नाराज’, पीएम मोदी ने सीजेआई गवई...

0
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर सोमवार को हुए हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की है। पीएम...

बीसीआई ने वकील राकेश किशोर को किया निलंबित, सीजेआई पर जूता उछालने की कोशिश...

0
नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकील राकेश किशोर के अदालतों में प्रैक्टिस करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।...

आईसीएफआरई की तकनीकों तथा शोध निष्कर्षों को अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचाएंः भूपेंद्र यादव

0
देहरादून: भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) की 31वीं वार्षिक आम बैठक सोमवार  को आई.सी.एफ.आर.ई दृ वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में आयोजित की...