उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों में अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के मामले पर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटा दी है. कोर्ट ने सरकार को डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रकिया में सम्मिलित करते हुए भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने के निर्देश निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं ये भर्ती कोर्ट के आदेश के अधीन रहेंगी. कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि इनकी नियुक्ति 2012 की नियमावली व शिक्षा का अधिकार अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत करें. बुधवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में जितेंद्र सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार के 10 फरवरी 2021 को शासनादेश जारी किया था.
याचिकर्ताओं ने NIOS के डिसटेंड एजुकेशन से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने उक्त माध्यम से प्रशिक्षितों को सहायक अध्यापक प्राथमिक की नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया. तमाम तर्कों के आधार पर पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार के उक्त शासनादेश पर रोक लगाते हुए इन अभ्यर्थियों को भी सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षा की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा था. सरकार ने सहायक अध्यापक भर्ती के 2600 पदों हेतु दिसम्बर 2018 को विज्ञप्ति जारी की थी.