देहरादून: उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए 632 प्रत्याशी चुनाव मैदान में रह गए हैं। नामांकन वापसी के दिन सोमवार को राज्यभर में कुल 95 दावेदारों ने अपने नामांकन वापस लिए जिसके बाद अब 70 सीटों के लिए कुल 632 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने राज्य में 21 जनवरी से नामांकन पत्रों की बिक्री शुरू की थी। 28 जनवरी नामांकन की आखिरी तारीख जबकि सोमवार 31 जनवरी का दिन नाम वापसी के लिए तय था।
वहीं उत्तराखंड में इन दिनों मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में हल्ला मचा हुआ है। हरीश रावत पर जुम्मे की छुट्टी देने के आरोप बीजेपी लगाया करती है, वही हरीश रावत लगातार काफी समय से यह आरोप लगाते रहे हैं कि बीजेपी सीधे तौर पर झूठ बोलती रही है और ऐसा कोई भी आदेश ना कभी जारी हुआ है और बीजेपी केवल झूठा प्रोपेगेंडा ही बना रही है।
वही ये आदेश 29 दिसबर 2016 को जारी हुआ था जिसे तत्कालीन प्रभारी सचिव शैलेश बगोली ने जारी किया था।प्रदेश के मुस्लिम एवं अन्य धर्मों के राजकीय सेवकों को नमाज एवं प्रार्थना हेतु कार्यदिवस में विशेष अल्पावकाश की सुविधा के सम्बन्ध में।
उपर्युक्त विषयक के सम्बन्ध में सम्यक् विचारोपरान्त मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि प्रदेश के मुस्लिम एवं अन्य धर्मो के राजकीय सेवकों को क्रमशः नमाज एवं प्रार्थना हेतु कार्यदिवस में विशेष अल्पावकाश की सुविधा अपरान्ह 12:30 से 2:00 बजे (डेढ़ घण्टा अर्थात 90 मिनट) तक प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।
साल 2016 में जुम्मे के दिन छुट्टी देने वाला #कथित_आदेश सोशल मीडिया पर वायरल pic.twitter.com/vcPDCFDuyo
— Postmanindia (@postmanindia) February 2, 2022
उक्त अल्पावकाश की सुविधा “रमजान के महीने में पड़ने वाले जुम्मे की नमाज के लिए एवं अन्य समुदायों / सम्प्रदायों / धर्मों / जातियों के कार्मिकों को भी उनसे सम्बन्धित बड़े त्यौहारों की तिथि पर सामूहिक प्रार्थना में सम्मिलित होने हेतु अनुमन्य होगी।
उक्त विशेष अल्पावकाश से सम्बन्धित निर्णय लेने का अधिकार सम्बन्धितविभागाध्यक्ष का होगा।