13.1 C
Dehradun
Tuesday, December 16, 2025


अनुच्छेद 21 की रक्षा जरूरी, लेकिन यह हमेशा राष्ट्र के हित के अधीन’, सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसी शख्स के अधिकार हमेशा राष्ट्र के हित के अधीन होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए अधिकारों की हमेशा रक्षा की जानी चाहिए, लेकिन ऐसे मामलों में जहां देश की सुरक्षा या अखंडता पर सवाल उठता है, वह जमानत देने का एकमात्र आधार नहीं हो सकता।
2010 में पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय करोल और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने ये टिप्पणियां कीं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने के मामले में कुछ आरोपियों को दी गई जमानत के खिलाफ अपील दायर की गई थी।
2010 में मुंबई जा रही ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस झाड़ग्राम के पास पटरी से उतर गई थी और सामने से आ रही एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में 148 यात्रियों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया था कि 28 मई, 2010 को लगभग 1 बजे हुई यह दुर्घटना माओवादियों की ओर से की गई कथित तोड़फोड़ का नतीजा थी। यह घटना सीपीआई (माओवादी) की ओर से बुलाए गए चार दिवसीय बंद के लागू होने के तुरंत बाद हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर आरोपियों की स्वतंत्रता में दखलअंदाजी करना, खासकर तब जब उनके खिलाफ कोई अन्य सबूत न हो, उचित नहीं होगा। अदालत ने कहा कि सीबीआई उसके संज्ञान में ऐसा कोई भी घटनाक्रम नहीं ला सकी जो इस हस्तक्षेप को किसी भी सार्थक उद्देश्य की पूर्ति के रूप में उचित ठहरा सके। पीठ ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं हो सकता कि अनुच्छेद 21 के अधिकारों को सर्वोच्च महत्व दिया गया है और यह उचित भी है। हालांकि, साथ ही साथ शख्स हमेशा ध्यान का केंद्र नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कुछ मामले, जैसे कि यह मामला, अपनी प्रकृति और प्रभाव के कारण यह मांग करते हैं कि प्रस्तुत मुद्दे को व्यापक परिप्रेक्ष्य यानी राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाए। इसलिए हम यह पाते हैं कि अनुच्छेद 21 के अधिकारों की रक्षा तो हमेशा की जानी चाहिए, लेकिन जिन मामलों में राष्ट्र की सुरक्षा या अखंडता पर सवाल उठता है, उसे एकमात्र आधार नहीं बनाया जा सकता।’ पीठ ने कई निर्देश जारी करते हुए मामले की रोज सुनवाई और असाधारण हालात को छोड़कर स्थगन देने से परहेज करने को कहा।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

एनआईए ने दाखिल की 1597 पन्नों की चार्जशीट, पाकिस्तानी आतंकी संगठन LeT और TRF...

0
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें...

गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: लूथरा बंधुओं को लाया जाएगा भारत, एयरपोर्ट पर उतरते ही...

0
नई दिल्ली। गोवा के नाइट क्लब में आग लगने की घटना के बाद देश छोड़कर फरार हुए लुथरा बंधुओं को मंगलवार को थाईलैंड से...

हुसैनीया पैलेस में PM मोदी का स्वागत, किंग अब्दुल्ला संग द्विपक्षीय मुद्दों पर की...

0
अम्मान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन देशों के दौरे के क्रम में जॉर्डन पहुंच चुके हैं। पहले जहां एयरपोर्ट पर जॉर्डन के पीएम जाफर...

आपदा प्रबंधन विभाग के कार्मिक भी बनेंगे फर्स्ट रिस्पांडर

0
देहरादून। उत्तराखण्ड में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत आपदा प्रबंधन विभाग...

25 वर्षों में उत्तराखंड को देश के सर्वाधिक प्रगतिशील और समृद्ध राज्यों में शामिल...

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित होटल हयात सेंट्रिक में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित ‘डायमण्ड स्टेट समिट’ में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम...