25.8 C
Dehradun
Saturday, August 9, 2025

11वें ग्रेट हिमालयन बर्ड कॉउंट-2023 की शुरूआत, पक्षी गणना के साथ ही उनके रहस्यलोक को जानने का प्रयास भी करेंगे पक्षी प्रेमी

देहरादून: एक्शन एंड रिसर्च फॉर कन्जर्वेशन इन हिमालयाज (आर्क) के सौजन्य से 27 नवम्बर से 30 नवम्बर तक “की गई।
देहरादून में आर्क के संस्थापक प्रतीक पँवार द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से आये पक्षी-प्रेमियों को उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की जानकारी देकर पक्षियों की चार दिवसीय गणना हेतु रवाना किया गया।

इस अभियान को मुकाम तक पहुंचाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों हेतु ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें देवाल – वन – मुंडोली, ऊखीमठ – सारी – देवारिया ताल, गुप्तकाशी – चोपता – तुंगनाथ, तिलवाड़ा – सोनप्रयाग – गुप्तकाशी, आराकोट – चीवा – हनोल, गौचर – आदिबद्री – गैरसैंण, कर्णप्रयाग – नौटी – आदिबद्री, मंडल – पुंग बुग्याल – कंचूला खरक, उत्तरकाशी – भटवाड़ी – हर्सिल – उत्तरकाशी, उत्तरकाशी – दयारा – भटवाड़ी, पुरोला – नैटवाड़ – सांकरी – तालुका – ओसला, पुरोला – नौरी – जरमोला, पौड़ी – खिरसू – श्रीनगर, घुत्तू – रिह/ गंगी – घुत्तू, बड़कोट – जानकीचट्टी – यमनोत्री, देओबन ,- कनासर – बुधेर, धनोल्टी – सुरकंडा, सुवाखोली – मगरा – नालीकला, चीला – कांडव आश्रम – लैंसडाउन और रामपुर मंडी आदि स्थानों पर पक्षी गणना की जाएगी।

चार दिवसीय पक्षी गणना के दौरान उत्तराखंड के अलावा मुम्बई, पूना, हैदराबाद, कलकत्ता, गुजरात उड़ीसा, लखनऊ व जयपुर आदि के पक्षी प्रेमी भाग ले रहे हैं, वहीं कार्यक्रम को गति प्रदान करने में शिक्षिका मेघा रावत पंवार का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है। प्रतीक पंवार बताते हैं कि पक्षी गणना हेतु पथ चिन्हित किये गए हैं ताकि किसी को भी कोई दिक्कत न हो। मौसम के अनुसार गणकों को फर्स्ट एड किट्स के साथ ही अन्य जरूरी सामग्री भी दी गई हैं।

इस दौरान पक्षी प्रेमी, पक्षियों की गणना के साथ ही उनके रहस्यलोक को जानने का प्रयास भी करेंगे, पता चल सकेगा कि किन-किन प्रजातियों का उत्तराखंड से मोह भंग हुआ है, और कौन सी नई प्रजातियों ने आस जगाई। वहीं युवा पक्षियों की गणना के साथ ही पक्षियों के रहस्य को समझकर पर्यावरण के महत्त्व को भी समझ पायेंगे।

अभियान में सहयोगी शिक्षक कमलेश्वर प्रसाद भट्ट और सुमन हटवाल ने बताया कि कार्यक्रम का सबसे बड़ा फायदा भविष्य के वाशिंदों को मिलता दिख रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम की खास बात यह है कि युवा जहां बड़े बुजुर्गों के अनुभवों का लाभ उठा रहे हैं, वहीं अपने साथ छोटे बच्चों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

‘दुनिया में बढ़ती अर्थव्यवस्था से अधिक भारत का अध्यात्म अहम’: भागवत

0
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि विश्व भारत को उसके आध्यात्मिक ज्ञान के लिए महत्व देता है,...

सीएम के काफिले ने फर्जी एंटी करप्शन पदाधिकारी को दबोचा, पूछताछ करने पर चौंक...

0
वैशाली: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले ने एक फर्जी एंटी करप्शन पदाधिकारी को गिरफ्तार किया है। घटना वैशाली जिले के एनएच 22 पर स्थित...

धराली में लापता लोगों की खोज में हर तकनीक का इस्तेमाल, अब तक 729...

0
देहरादून/उत्तरकाशी: धराली आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। खोजबीन के लिए हर तकनीक का इस्तेमाल...

अमेरिका के आमंत्रण पर पीएम मोदी ने दिया जवाब, ट्रंप हुए नाराज

0
न्यूयॉर्क: मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौते के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने चार दिन...

राखी, राहत और रिश्ता-आपदा के बीच मानवीय संवेदनाओं का मार्मिक दृश्य

0
उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के...