उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक वीडियो को एडिट कर आज सोशल मीडिया पर फिर से वायरल किया जा रहा है. इस वीडियो में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत वैक्सीनेशन की बात करते हुए (एक जगह ऑक्सीजन बोल गए) और अगले ही पल उन्होंने अपनी इस बात का सुधार कर दिया. यह बात बेहद सामान्य है लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को ऐसे प्रायोजित किया जा रहा है, मानो कोई अपशब्द कह दिए हो. इसे आपदा में अवसर नहीं तो और क्या कहेंगे कि एक ओर मुख्यमंत्री इस संकट की घड़ी में लगातार पहाड़ से लेकर मैदान तक हर क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ शरारती तत्व इसे आपदा में राजनीति का अवसर बना रहे हैं.
ये है बयान की सच्चाई
यह वीडियो शनिवार को उनके गोपेश्वर दौरे का है. मीडिया कर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ‘वैक्सीन हम बड़ी तेजी से लगा रहे हैं, 18 से 45 वर्ष आयु के नौजवानों को ऑक्सीजन लगना शुरू हो गया है, (फिर अपनी गलती सुधार कर कहते हैं कि) वैक्सीन लगना शुरू हो गया है’. वीडियो में उन्होंने जतना से आह्वान किया है कि सभी लोग टीका जरूर लगवाएं तभी कोरोना को हराया जा सकता है. लेकिन घटिया राजनीति पर विश्वास करने वाले कुछ सिरफिरों ने इस वीडियो का सिर्फ आधा हिस्सा वायरल किया. आगे का वो हिस्सा काट दिया जिसमें मुख्यमंत्री अपनी बात संभालते हुए साफ शब्दों में ‘वैक्सीन’ कह रहे हैं। दरअसल, यह देखा जा रहा है कि एक जमात साजिश के तहत मुख्यमंत्री का वीडिया एडिट करते हुए लगातार सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही है.
प्रदेश में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक के 50 लाख युवाओं पर राज्य सरकार निशुल्क वैक्सीन लगाएगी इस बात की घोषणा सबसे पहले पूरे देश में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ही की. जिस पर प्रदेश का लगभग 400 करोड से ज्यादा का खर्च आ रहा है. दुष्प्रचार की राजनीति से अपनी फेसबुक पोस्ट चमकाने वाले लोगों को यह भी देखना चाहिए कि क्या इस प्रदेश में Facebook के लिए यही मुद्दे रह गए हैं? क्या इस प्रदेश में इन छोटी-छोटी बातों को तूल देकर ऐसे ही दुशप्रचारित किया जाएगा.