उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है मोदी सरकार में कैबिनेट का विस्तार होना है जिसमें एक नाम सबसे आगे चल रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को केंद्र सरकार में “राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार” की जिम्मेदारी मिलने जा रही है. तीरथ सिंह रावत को पार्टी हाईकमान के निर्देश पर 10 मार्च को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई थी लेकिन 114 दिन के कार्यालय के बाद उन्हें हटाकर युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी को यह जिम्मेदारी दी गई. सरल और सहज स्वभाव वाले पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत को केंद्र में मंत्री पद दिए जाने के पीछे हाईकमान का खास मकसद है. इसकी बड़ी वजह है यह है कि पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत वर्तमान में गढ़वाल संसदीय सीट से सांसद हैं. तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद क्षेत्रीय समीकरण के अनुसार कुमाऊं और खास तौर पर कुमाऊं का तराई क्षेत्र ज्यादा मजबूत हुआ है जबकि गढ़वाल क्षेत्र में आने वाले 14 विधानसभाओं में से चमोली रुद्रप्रयाग से राज्य सरकार में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.
इन सब बातों के बीच तीरथ सिंह रावत को अगर केंद्र में मंत्री बनाया जाता तो गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के लोगों में संतुष्टि नजर आएगी इसके साथ ही साल 2022 में भाजपा को चुनाव प्रचार में किसी तरीके की दिक्कत भी नहीं आएगी यही कारण है कि तीरथ सिंह रावत का मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिलना तय माना जा रहा है. वही भाजपा संगठन की दृष्टि से भी देखा जाए तो तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल में आने से कुछ और समीकरण भी संतुलित हो रहे हैं. तीरथ सिंह रावत को अगर केंद्र में मंत्री बनाया जाता है तो उनके समर्थक एक बार फिर से नई ऊर्जा के साथ मिशन 2022 की तैयारियों में जुट जाएंगे. भाजपा हाईकमान जातीय समीकरण और क्षेत्रीय तीरथ सिंह रावत से जुड़े कार्यकर्ताओं विनायकी आसानी से दूर कर सकेगी.