IMPCAT FEATURE उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल का एक माह पूर्ण हो चुका है. बदली परिस्थितियों में राज्य की कमान संभालने वाले युवा मुख्यमंत्री ने इतने कम समय में ही चुनौतियों से जूझने का दम दिखाया है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही वे हर वर्ग के उत्थान और उन्नयन के लिए प्रयासरत हैं. शिक्षा का क्षेत्र हो, पर्यटन का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य का क्षेत्र हो, सड़कों और पुलों का निर्माण करवाना हो या युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना हो, उन्होंने सभी क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई है.
200 करोड़ का राहत पॅकेज बनेगा संजीवनी
कैबिनेट की पहली बैठक में अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय लेकर ही उन्होंने यह संकेत दे दिया था कि वे युवाओं के प्रति चिंतित हैं. मुख्यमंत्री ने युवा हितों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को विभिन्न विभागों में रिक्त 20-22 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं, जिससे सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा अत्यंत उत्साहित हैं. साथ ही उन्होंने बैकलॉग रिक्तियों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री श्री धामी ने कोविड-19 के कारण प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों और चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों व उनके व्यवसाय पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव को ध्यान में रखते हुए होटल, परिवहन, पोर्टर सहित पर्यटन की अन्य गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों के साथ ही सांस्कृतिक दलों को राहत देने के उद्देश्य से लगभग 200 करोड़ रुपए के कोविड-19 राहत पैकेज-2021 की व्यवस्था की, जिससे 1 लाख 63 हजार 661 लोग लाभान्वित हो रहे हैं.
कोरोना वारियर्स का किया सम्मान
इसी प्रकार वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने में जुटे प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र और इसमें कार्यरत कार्मिकों के लिए भी मुख्यमंत्री श्री धामी ने 205 करोड़ रूपए से अधिक के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है, जिससे प्रदेश के 3 लाख 73 हजार 568 लोग लाभान्वित होंगे. शिक्षा के क्षेत्र की बात की जाए तो राज्य के प्रतिभावान अभ्यर्थियों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने प्रोत्साहन राशि की घोषणा की. इसके अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी अभ्यर्थियों, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले चयनित 100 अभ्यर्थियों और सेना में अफसर बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों को एनडीए और सीडीएस की परीक्षा के बाद और साक्षात्कार के पूर्व 50000 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
पूर्व सैनिकों का रखा खास ख्याल
माता-पिता या संरक्षक की कोविड-19 या अन्य बीमारियों से मृत्यु से प्रभावित बच्चों के कल्याण के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरूआत की है, जिसके तहत प्रभावित बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक ₹3 हज़ार प्रति माह तथा राशन व नवोदय विद्यालय में निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. इस प्रकार मुख्यमंत्री कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के संरक्षक के रूप में सामने आए हैं. सैनिकों के कल्याण के लिए भी मुख्यमंत्री धामी सदैव तत्पर रहते हैं. कारगिल विजय दिवस के मौके पर उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगनाओं और पूर्व सैनिकों की मासिक पेंशन 8 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए कर दी है, जिसका राज्य के तकरीबन आठ सौ परिवारों को फायदा हो रहा है.
इसी प्रकार जहां उन्होंने महिलाओं के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत पहली दो बालिकाओं या जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट दिए जाएंगे वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत मुख्यमंत्री ने 16472 लोगों के लिए आवास की व्यवस्था की है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से राज्य का चहुंमुखी विकास करना ही पुष्कर सिंह धामी का एकमात्र लक्ष्य है और वे लगातार हर वर्ग की समस्याओं को दूर करने में जुटे हैं. पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा लिए गए इन जनहितकारी निर्णयों से प्रदेश के हर वर्ग में खुशी और अपार उत्साह है और मुख्यमंत्री के इन निर्णयों की सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की है. निश्चित ही वे राज्य की जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरे उतरे हैं.