देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान के ठीक अगले दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया है। उनके अनुसार पार्टी के सत्ता में आने पर या तो वह मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर घर बैठ जाएंगे। तीसरा कोई विकल्प ही नहीं है। चुनाव के बाद थोड़ी सियासी गर्मी कम हुई थी कि हरदा के बयान ने राजनीतिक गलियारे का पारा बढ़ा दिया।
दरअसल, कांग्रेस महासचिव रावत काफी समय से स्वयं को पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित करने की मांग उठाते आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इसे अनसुना कर दिया था। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य केंद्रीय नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कहते रहे हैं। इसके बाद स्वयं 22 दिसंबर को हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर मोर्चा खोल दिया। फेसबुक व ट्विटर पर की गई पोस्ट में रावत ने चुनाव के समय संगठन पर सहयोग के बजाय नकारात्मक भूमिका निभाने का सीधा आरोप मढ़ दिया।
हरीश रावत का बड़ा बयान, सीएम बनूँगा या घर बैठूँगा।@Rameshbhimtal @Devbhoomidialo pic.twitter.com/NZMHsf9EPf
— Postmanindia (@postmanindia) February 16, 2022
73 वर्षीय रावत ने भावुक अंदाज में पार्टी को यह चेतावनी तक दे दी कि बहुत हो गया, विश्राम (राजनीति के दृष्टिकोण से संन्यास ही समझा जाएगा) का समय आ गया। महत्वपूर्ण यह कि अपनी पोस्ट के अंत में रावत ने श्रीमद् भगवद गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि दीन-हीन नहीं बने रहेंगे और न पलायन करेंगे। नया वर्ष ऊहापोह की इस स्थिति में शायद रास्ता दिखा दे।