राजनीति में सवेंदनशीलता एवं दूरदर्शिता नेतृत्व को अलग मुकाम प्रदान करती है. मुख्यमंत्री पिछले तीन दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रहे, वहाँ उन्होने उत्तराखंड के मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की. अक्सर ये देखा गया है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जब भी दिल्ली का रुख करते है राजनीतिक कयासबाजी का दौर शुरू हो जाता है. तीरथ रावत भी इससे बचे नही हैं सीएम बनने के बाद उनकी यह दूसरी दिल्ली यात्रा है. लेकिन असल बात यह है कि दिल्ली दौरा मुख्यमंत्री तीरथ को और मजबूत बना गया.
बीते 10 मार्च से ईमानदारी के साथ स्पष्ट सोच और साधारण जीवनशैली तीरथ का सबसे बड़ा हथियार बनी. याहि कारण है कि पिछले दिनों उत्तराखंड दौरे पर रहे पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष मुख्यमंत्री तीरथ की पीठ थप-थपाकर चले गए. वहीं प्रधानमंत्री से क़रीब आधे घंटे की मुलाक़ात के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सीएम तीरथ ने उत्तराखंड के लिए कई विकास योजनाओं की बातचीत भी की.
मुख्यमंत्री तीरथ के दिल्ली दौरे के बाद प्रदेश भाजपा में भी इन मुलाकातों के बाद कई नेताओं की बेचेंनी बढ़ गई है. सभी नेता अब इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि अक्सर शांतचित नजर आने वाले तीरथ रावत ने अपने राजनीतिक कौशल से अनेक निशानों को साधते हुए प्रदेश भाजपा में हलचल मचा दी है. साथ ही अपने विरोधियों को भी कड़ा संदेश दिया है. जो उन्हें कमजोर समझने का भ्रम पाले हुये थे.