उत्तराखंड में कोविड के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा नई व्यवस्था ‘डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम’ को लागू किया जा रहा है. यह व्यवस्था शहरी के साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी. इसके लिए विभिन्न चरणों में प्रक्रिया अपनाई जाएगी. सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि इसके तहत हम हर ब्लॉक में एक कोविड केयर सेंटर स्थापित करेंगे. साथ ही ब्लॉक में एक कंट्रोल रूम भी होगा, जिसके लिए मैन पॉवर की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही हमारा प्रयास रहेगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग लैब भी हो, जो गांव-गांव जाकर लोगों को सैंपलिंग की व्यवस्था प्रदान करे.
सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी की अध्यक्षता में गठित एक्सपर्ट कमेटी में कुछ और लोगों को जोड़ा गया है. इसके तहत पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट प्रो बरोनिया, सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों, एक अन्य पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी कमेटी में शामिल दून मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के हेड के साथ ही स्टेट सर्विलांस आफिसर को भी इस कमेटी में जोड़ा गया है. अब ये सभी इस कमेटी में भी सलाह दे सकते हैं. हमारी एक्सपर्ट कमेटी ने संस्तुति दी है.
सचिव पाण्डेय ने बताया कि हमारा फोकस प्रीवेंशन पर है. ब्लेक फंगस सामान्य रूप से पाया जाता है. हमें इससे बचने के लिये सावधानियां रखनी हैं. म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की चुनौती से निपटने के लिए भी राज्य सरकार तैयार है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और अनियंत्रित मधुमेह, स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्युनिटी कमजोर होने या अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज फंगल इंफेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं. जागरूकता और रोग की जल्दी पहचान फंगल इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है. ब्लेक फंगस के लिए आवश्यक दवाओं का प्रबंध किया जा रहा है.