नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार को मतगणना होगी। दोपहर बाद यह पता चल जाएगा कि देश की राजधानी में किस पार्टी की सरकार बनेगी। ऐसा पहली बार हुआ है जब कुल मतदान फीसदी के मामले में महिला मतदाताओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। पुरुषों ने 60.20% तो महिलाओं ने 60.92% मतदान किया है। ऐसे में इस बार पुरुषों से महिलाएं आगे रही हैं। वहीं, 70 विधानसभा सीटों में से 40 ऐसी हैं जो यह तय करेंगी कि दिल्ली की सत्ता पर कौन काबिज होगा। इन सीटों पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है।
वर्ष 2020 के चुनाव की बात करें तो महिलाएं पुरुष मतदाताओं से मतदान करने में मात्र .09 फीसदी ही पीछे रहीं थीं, जबकि 31 सीटों पर पुरुषों से आगे थीं। इनमें से 28 पर आप को जीत मिली थी। वर्ष 1993 से लेकर अब तक हुए सात चुनावों में से शुरुआती चार में महिला मतदाताओं का मत प्रतिशत 60 प्रतिशत से कम रहा था। वर्ष 2008 के चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने लाडली योजना शुरू की थी। इसके तहत एक लाख से कम आय वाले लोगों के घर बेटी का जन्म होने पर उसकी शिक्षा के लिए 10 हजार रुपये जमा करने का प्रावधान किया गया था। इससे चुनाव में महिलाओं का मत प्रतिशत बढ़ गया। कांग्रेस 43 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने में कामयाब हुई थी।
इसके बाद हुए तीन चुनावों में महिलाओं ने ज्यादा बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। महिला सुरक्षा, बसों में मार्शल व सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणाओं के कारण महिलाओं के बढ़े हुए मतदान का फायदा आप को मिला। स्थिति यह है कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 22 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा था। वर्ष 2015 में 15 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का मत प्रतिशत अधिक था। आप की सरकार ने वर्ष 2020 के चुनाव से करीब तीन-चार माह पहले वर्ष 2019 में महिलाओं के लिए डीटीसी बसों में मुफ्त सफर की योजना शुरू की थी। इसके बाद वर्ष 2020 के चुनाव में 31 विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा।
दिल्ली की प्रमुख सीटें नई दिल्ली, कालकाजी, जंगपूरा, पटपड़गंज, बादली, बिजवासन, मालवीय नगर, ओखला समेत अन्य प्रमुख सीटों पर महिलाओं ने मतदान करने में पुरुषों को पीछे छोड़ा है। नई दिल्ली सीट से केजरीवाल, कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी व जंगपुरा सीट से पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया प्रत्याशी हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव: ये 40 सीटें तय करेंगी सत्ता की राह
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