देहरादून: दिल्ली में लाल किला पर आयोजित भारत पर्व में पहली बार उत्तराखण्ड की झांकी को शामिल किया गया है। “विकसित उत्तराखण्ड” की थीम पर तैयार इस झांकी का दीदार करने पहले दिन ही प्रवासी उत्तराखण्डियों के अलावा बड़ी संख्या में अन्य लोग भी पहुंचे। भारत पर्व आगामी 31 जनवरी तक चलेगा, लिहाजा तब तक झांकी का दीदार भी सभी लोग कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बाबा केदारनाथ की धरती से 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है, प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संकल्पबद्ध हैं। इस संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार कड़े से कड़े फैसले लेने से भी नहीं चूकी है।
धामी सरकार का सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून जहां पूरे देश के लिए नजीर बने, वहीं विकास के मोर्चे पर भी उत्तराखण्ड नए आयाम स्थापित कर रहा है। राज्य के विकास की इस तस्वीर को आम जनमानस के बीच रखने का बीड़ा उठाया है सूचना एवं लोक संपर्क विभाग ने। विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी और संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी केएस चौहान के निर्देशन में राज्य के विकास की शानदार झांकी तैयार की गई है।
नोडल अधिकारी केएस चौहान ने बताया कि विकसित उत्तराखण्ड की थीम पर बनाई गई इस झांकी को आज दिल्ली के लाल किला पर आयोजित भारत पर्व में पहले दिन ही शानदार रिस्पांस मिला है। बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने झांकी का दीदार किया है। उन्होंने बताया कि झांकी में जहां उत्तराखण्ड की संस्कृति और परंपराओं को सुंदर ढंग से दिखाया गया है, वहीं विकास यात्रा को भी बेहतर तरीके से प्रदर्शित किया गया है। अग्र भाग में उत्तराखण्ड की पारंपरिक वेशभूषा में “अतिथि देवो भव” का संदेश देते उत्तराखंडी महिला को स्वागत करते हुए दिखाया गया है।इसी प्रकार स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयासों के क्रम में मंडुवा, झंगोरा, रामदाना आदि की खेती को दिखाया गया है। धामी सरकार की होम स्टे योजना राज्य में स्वरोजगार का बड़ा जरिया बन रही है, इसको भी झांकी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
मातृशक्ति को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने महत्वपूर्ण फैसले लेने के साथ ही कई योजनाएं संचालित की हैं। नारी सशक्तिकरण की इस मुहिम को भी झांकी में दिखाया गया है। अन्य महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं में ऑल वेदर रोड परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे आदि को भी झांकी के जरिए प्रदर्शित गया है।