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Monday, December 23, 2024

धामी कैबिनेट बैठक खत्म, इन प्रस्तावों पर लगी मुहर

देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी खबर मिली है। आज गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक खत्म हो चुकी है। इस बैठक में धामी कैबिनेट ने कई बड़े फैसले लिए हैं।

कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय

1-‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ योजना की शर्तों में संशोधन किये जाने का निर्णय।

राज्य में उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम, 1948/उत्तराखण्ड मूल्यवर्धित कर अधिनियम, 2005/केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956/उत्तराखण्ड प्रवेश कर अधिनियम, 2008 एवं उत्तर प्रदेश आमोद एवं पणकर अधिनियम, 1979 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) के अधीन दिनांक 31 मार्च, 2023 तक सृजित मांग से संबंधित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को माफ किए जाने हेतु ‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ लागू की गयी थी।

राजस्व संर्वधन हेतु एवं व्यापारियों द्वारा योजना का और अधिक लाभ लेने हेतु शासन के पत्र संख्या 156556 दिनांक 22-09-2023 द्वारा योजना की अवधि को दिनांक 31-12-2023 तक विस्तारित किया गया है। पूर्व में इस योजना में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश कराधान तथा भू-राजस्व विधि अधिनियम, 1975) अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2002 को सम्मिलित नहीं किया गया था, अब उक्त अधिनियम को भी सम्मिलित करते हुए उक्त अधिनियम के अंतर्गत सृजित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को भी माफ किया जाना प्रस्तावित है।

योजना का अधिक से अधिक व्यापारियों द्वारा लाभ लिए जाने के दृष्टिगत योजना की कतिपय बिन्दुओं में संशोधन के साथ योजना की अवधि पुनः अग्रेत्तर तीन माह बढ़ाने का अधिकार सचिव, वित्त उत्तराखण्ड शासन को दिये जाने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी।

राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत / रिक्त पदों के सापेक्ष नितान्त अस्थायी व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु संविदा शिक्षकों की तैनाती किये जाने का निर्णय।
उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में छात्रहित में नितान्त अस्थाई व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु विभिन्न विषयों (कुल 11 विषय) मे रिक्त चल रहे कुल 25 संविदा शिक्षकों (सहायक प्राध्यापकों) की तैनाती / नियुक्ति राज्य के रोजगार प्रयाग पोर्टल के माध्यम से किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० को समाप्त किये जाने का निर्णय।
भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वर्ष, 2015 में ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० का गठन मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून तथा उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, देहरादून को सम्मिलित करते हुए किया गया था। वर्तमान में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून, शहरी विकास विभाग एवं नगर निगम देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से कम्पनी एक्ट, 2013 के अन्तर्गत देहरादून स्मार्ट सिटी लि० का पंजीकरण किया गया है, जो देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। उक्त के दृष्टिगत स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु पूर्व में गठित ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० की प्रासंगिकता नहीं होने के कारण ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० कम्पनी को समाप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

राज्य में प्रचलित नजूल नीति, 2021 के प्रभावी / लागू रहने की अवधि बढ़ाये जाने संबंधी निर्णय।
नजूल नीति, 2021 के प्रभावी / लागू रहने की समाप्ति की अवधि को दिनांकः 11.12.2023 से बढ़ाते हुए, जब तक कि राज्य में प्रस्तावित ‘उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण अधिनियम, 2021’ के अन्तर्गत नियमावली प्रख्यापित नहीं हो जाती है, तब तक, उक्त नजूल नीति यथावत प्रभावी / लागू रहेगी।नजूल नीति, 2021 के प्रस्तर-16 (2) में प्रदत्त व्यवस्था ‘स्थानीय निकाय / विकास प्राधिकरण 35 प्रतिशत प्रचलित सर्किल दर पर 05 प्रतिशत स्वमूल्यांकन की धनराशि राजकोष में आवेदन करेंगे’ में संशोधन करते हुए पूर्व नजूल नीति, 2009 में प्रदत्त व्यवस्था ‘स्थानीय निकाय, नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम, जिला पंचायत (इनके पक्ष में फ्रीहोल्ड नियमानुसार मूल्य निर्धारण के 05 प्रतिशत की धनराशि राज्य कोषागार में जमा करने पर किया जायेगा) की भांति विकास प्राधिकरण, स्थानीय निकाय, नगर पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम, जिला पंचायत के पक्ष में फ्रीहोल्ड नियमानुसार प्रचलित सर्किल दर पर भूमि मूल्य निर्धारण का 5 प्रतिशत की धनराशि राज्य कोषागार में जमा करने पर किया जा सकने के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 395 (b) के अनुपालन में उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधान सभा के पटल पर रखे जाने संबंधी अनुमोदन।कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 395 (b) में सरकारी कम्पनियों के वार्षिक लेखा रिपोर्ट के तैयार होने के बाद महालेखाकार की टीका-टिप्पणियों या संपरीक्षा रिपोर्ट के साथ राज्य विधान-मंडल के सदन या दोनों सदनों समक्ष रखे जाने का प्रावधान है।

उक्त के परिप्रेक्ष्य में ऊर्जा विभाग के नियन्त्रणाधीन उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० (उत्तराखण्ड सरकार का उपक्रम) के वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन को विधान-मंडल के सदन या दोनों सदनों के समक्ष रखे जाने के संबंध में कैबिनेट द्वारा दिया गया अनुमोदन।

उत्तराखण्ड आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग, समूह ‘क’ सेवा नियमावली, 2011 (यथा संशोधित) में अग्रेत्तर संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय।

उत्तराखण्ड आयुष (आयुर्वेदिक एवं यूनानी) विभाग के समूह ‘क’ सेवा में भर्ती तथा उसमें नियुक्त व्यक्तियों की सेवा शर्तों को विनियमित करने के लिए पूर्व में प्रख्यापित ‘उत्तराखण्ड आयुष विभाग आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग (समूह ‘क’) सेवा नियमावली, 2011’ के प्रथम संशोधन, 2016 के भाग-3 नियम-5 (1) व नियम-5 (3) में संशोधन करते हुए उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा संवर्ग समूह ‘क’ सेवा (संशोधन) नियमावली, 2023 को प्रख्यापित किये जाने के संबंध में लिया गया निर्णय।

गौलापार (हल्द्वानी) में मा० उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु प्रस्तावित स्थल के आस-पास के क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित किये जाने के संबंध में निर्णय।

नैनीताल शहर की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं नैनीताल शहर पर बढते अतिरिक्त दबाव को दृष्टिगत रखते हुए हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र की 26.08 हेक्टेयर भूमि में मा० उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु भूमि का चयन किया गया है। चिन्हित क्षेत्र के आस-पास अनियमित एवं अनधिकृत निर्माण को रोकने हेतु गौलापार (हल्द्वानी), जनपद-नैनीताल में प्रस्तावित स्थल के क्षेत्र को, महायोजना बनने तक फ्रीज जोन घोषित किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

सिविल कोर्ट परिसर खटीमा, ऊधमसिंहनगर में 135 X 210 वर्गफीट भूमि अधिवक्ता चैम्बर निर्माण हेतु बार एसोसिएशन खटीमा को 90 वर्ष के स्थान पर 30 वर्ष हेतु लीज पर दिये जाने का निर्णय।

पेराई सत्र 2023-24 हेतु प्रदेश की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को बैंको से ऋण लिये जाने हेतु शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय।
राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को पेराई सत्र में गन्ना किसानों के ससमय गन्ना मूल्य भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा शासकीय प्रत्याभूति प्रदान की जाती है। अतः पेराई सत्र 2023-24 हेतु भी राज्य सरकार द्वारा राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों डोईवाला, किच्छा, नादेही व बाजपुर हेतु कुल रू० 409.47 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति प्रदान किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया।

श्री केदारनाथ धाम एराइवल प्लाजा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अति विशिष्ट प्रकार की ओम कलाकृति का स्ट्रक्चर Brass धातु का बनाया गया है। कार्य में एकरूपता बनाये रखने के दृष्टिगत उक्त ओम मूर्ति के पैडस्टल का निर्माण कार्य Infine Art Ventures, Vadodara, Gujrat से कराये जाने की अनुमति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गई।

श्री बद्रीनाथ तथा श्री केदारनाथ मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती के पदों पर संविलियन नियमावली, 2023 को प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर अधिनियम, 1939 में प्रस्तावित विभिन्न सेवा संवर्गाे की सेवा नियमावलियों में उल्लिखित शैक्षिक अर्हता /भर्ती का स्रोत, योग्यता, पात्रता आदि के क्रम में मंदिर समिति हेतु अभ्यर्थियों का चयन करने में संभावित कठिनाईयां के दृष्टिगत् वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभागीय आवश्यकताओं का वर्तमान तथा भावी हित/उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुये नियमानुसार मंदिर समिति के विभिन्न सेवा संवर्गों के सीधी भर्ती के पदों पर संविलियन किये जाने का प्राविधान रखे जाने का निर्णय।

राज्य बांध सुरक्षा संगठन, उत्तराखण्ड द्वारा तैयार वार्षिक प्रतिवेदन 2022-23 को मा० विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

उत्तराखण्ड राज्य के छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक करते हुये निकटवर्ती नगर निकाय में सम्मिलित किये जाने अथवा पृथक नगर निकाय बनाये जाने के संबंध में निर्णय।

छावनी परिषद क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक किये जाने से छावनी परिषदः क्षेत्रान्तर्गत निवासरत नागरिकों को भूमि हस्तांतरण, भवन निर्माण, आवागमन इत्यादि समस्याओं का सामना करना पडता है। छावनी परिषद, क्षेत्रों से नागरिक क्षेत्रों को पृथक किये जाने पर नागरिकों भूमि हस्तांतरण, भवन निर्माण, आवागमन इत्यादि की आम जनमानस के समान सुविधा प्राप्त होगी। उक्त पर कैबिनेट द्वारा सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई।

हरिद्वार एवं ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना को संचालित किये जाने तथा गठित एस०पी०वी० को निरस्त / स्थानांतरित किये जाने के संबंध में निर्णय।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड UTTARAKHAND INVESTMENT AND INFRASTRUCTURE DEVELOPMENT BOARD (UIIDB) की बोर्ड बैठक में लिए गये निर्णयानुसार ‘हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कोरिडोर परियोजना’ से संबंधित कार्य UIIDB द्वारा संचालित किये जाने तथा आवास विभाग के अन्तर्गत गठित SPV को निरस्त / स्थानांतरित किया जाने के सम्बन्ध में मा० मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।

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