देहरादून: उत्तराखंड में न केवल समूह ग की भर्ती बल्कि अफसरों की भर्ती कराने में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार सबसे धाकड़ निकली है। आयोग का दावा है कि राज्य में 22 सालों में सिर्फ 6869 अफसरों की भर्ती हुई।जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी सरकार ने कड़ी चुनौती और अड़चनों का बावजूद एक साल में 6635 अफसरों की भर्ती परीक्षा का रिकॉर्ड बनाया है।
यानी पहले आयोग बामुश्किल सालभर में 8 से 10 परीक्षाएं आयोजित कर 5 सौ से एक हजार अफसरों की भर्ती कर पाता था। लेकिन धामी के सिर्फ एक साल के कार्यकाल में यह रफ्तार पांच से छह गुनी बढ़ गई हैं। यानी अब आयोग ने सालभर में 30 परीक्षाएं आयोजित कर 3 हजार अफसरों को भर्ती करने का रिकॉर्ड बनाया है। जबकि आने वाले समय में आयोग की यह रफ्तार और तेजी से आगे बढ़ेगी।
राज्य में अफसरों की भर्ती का जिम्मा संभाले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग सफलता के नए आयाम छू रहा है। मुख्यमंत्री धामी सरकार ने आयोग में नकल माफियाओं का जाल ध्वस्त करने के बाद देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून लाया है। इस कानून के बाद से आयोग की परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शिता, शुचिता के साथ संपन्न कराया जा रहा है। आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले आयोग 5 सौ से एक हजार पदों के लिए सालभर में 8 से 10 परीक्षाएं आयोजित कराता था, जो अब सालभर में 3 हजार से 6 हजार पदों के लिए 30 परीक्षाएं कराने का रिकॉर्ड कायम हो रहा है। आयोग ने इस साल जनवरी 2023 से दिसम्बर तक 3040 पदों पर अफसरों को भर्ती कर दिया है। जबकि वित्तीय वर्ष के मार्च तक 6635 पदों पर भर्ती परिणाम जारी करने की तैयारी अंतिम चरणों में चल रही है। इनमें सबसे बड़ी भर्ती पीसीएस परीक्षा, वन आरक्षी, समीक्षा अधिकारी समेत अन्य का परिणाम शामिल है। इसके अलावा विभिन्न विभागों से प्राप्त नई भर्ती के अधियाचन के तहत 5 हजार से ज्यादा पदों पर मई 2024 तक परीक्षाएं कराई जाएंगी। इनमें नए विभागों से मिले अधियाचन का परीक्षण के बाद पदों की संख्या बढ़ने की उम्मीद भी आयोग कर रहा है।
खासकर पीसीएस के रिक्त पदों पर भी इस साल का अधियाचन शासन से मिलना बाकी है। ऐसे में 2024 में भी धामी सरकार में अफसरों की बंपर भर्ती की उम्मीदें की जा सकती हैं।
पदोन्नति में जीरो पेंडेंसी
आयोग के मार्फत अफसरों की पदोन्नति के पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया रफ्तार से आगे बढ़ रही है। जनवरी से अब तक करीब 293 पदों पर रिक्ति के अनुसार 250 पदों पर भर्ती पूरी हो गई हैं। अब नई रिक्तियां आने पर पदोन्नति की जाएगी। यानी पहले के मुकाबले आयोग में पदोन्नति के मामलों में इजाफा हुआ है। अफसरों को समय पर पदोन्नति मिलने के उनका मनोबल बढ़ रहा है। इससे काम करने की दक्षता में सुधार हो रहा है। आयोग में पदोन्नति के पदों पर ज़ीरो पेंडेंसी है।
फुल प्रूफ सिक्योरिटी में आयोग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोग में नकल माफियाओं का तंत्र ध्वस्त करने के बाद परीक्षाओं को संपन्न कराने में सुरक्षा और विजिलेंस की बढ़ोतरी के आदेश दिए हैं। खासकर राज्य में कड़ा नकल कानून लागू होने के अलावा सीसीटीवी, जैमर, विजिलेंस और सादी वर्दी में पुलिस तैनात की गई है। आयोग के आंतरिक सुरक्षा तंत्र को और अधिक मजबूत किया है। इसके अलावा आयोग में परीक्षाओं के मूल्यांकन को मैन पॉवर, मूल्यांकन कक्ष में इजाफा हुआ है। पहले एक हॉल था, जो अब चार बन गए हैं। इससे परीक्षा परिणाम जल्दी आ रहे हैं।
आयोग में 2010 से वर्तमान तक वर्षवार भर्ती अफसर
2010-123
2011-771
2012-41
2013-1333
2014-311
2015-27
2016-171
2017-734
2018-365
2019-445
2020-75
2021-105
2022-561
2023-3040 अब तक
आयोग में कई सालों बाद बड़ा बदलाव हुआ है। सरकार ने संसाधन, मैन पावर और सिक्योरिटी बढ़ा कर फुल प्रूफ व्यवस्था की है। पहले के मुकाबले इस साल भर्ती परीक्षाएं और परिणाम जारी करने में पांच से चार गुना इजाफा हुआ है। पहले सालभर में एक हजार पदों पर बमुश्किल भर्ती होती थी। लेकिन इस साल हमने 3 से 4 हजार पदों पर भर्ती की हैं। जबकि आगे यह प्रक्रिया और तेज होगी।
गिरधारी सिंह रावत, सचिव
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग
उत्तराखंड विकास की रफ्तार में अभी युवा प्रदेश है। यहां युवाओं को रोजगार देना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। हमारे द्वारा युवा अफसरों की भर्ती में तेजी लाई है। पहले राज्य को सालभर में एक हजार अफसर भी नहीं मिलते थे, लेकिन हमारी सरकार ने अफसरों की भर्ती में तेजी लाई है। अब पांच से छह गुना ज्यादा अफसर भर्ती हो रहे हैं। राज्य में सख्त नकलरोधी कानून लागू होने के बाद युवाओं को समय पर पारदर्शिता के साथ रोजगार मिल रहा है। आगे भी रिक्त पदों पर ससमय भर्ती कराई जाएगी।