कोरोना से निपटने में विश्वविद्यालय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. लोगों को बचाव के तरीकों के प्रति सजग करने से लेकर स्थानीय आवश्यकताओं से जुड़ी तकनीकें विकसित करके विश्वविद्यालय इस दौर में लोगों का सहारा बन सकते हैं. वैक्सीनेशन में भी शिक्षक और छात्र-छात्राएं बहुत कारगर किरदार अदा कर सकते हैं. आज ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के 11 वें स्थापना दिवस पर कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में विश्वविद्यालयों की भूमिका पर ई-सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस ई-सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि स्थानीय जरूरतों और परिस्थितियों के अनुरूप तकनीकें विकसित करके विश्वविद्यालय कोरोना जैसे किसी भी हालात से निपटने में बहुत कारगर भूमिका निभा सकते हैं. स्थानीय जरूरतों से जुड़ी तकनीकों के जरिये लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराये जा सकते हैं जिससे ऐसे किसी भी दौर में उनकी आजीविका सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान और उद्यमी कौशल इस समय की जरूरतें हैं. डॉ. डोभाल ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी की शानदार उपलब्धियों पर बधाई दी और ग्राफिक एरा की शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की.
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के चांसलर और ग्राफिक एरा एजुकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि ग्राफिक एरा के छात्र-छात्राओं और एलुमिनाई का एक विशाल नेटवर्क है. दुनिया के लगभग सभी देशों तक यह नेटवर्क फैला हुआ है. इसके जरिये ग्राफिक एरा छात्र छात्राओं, एलुमिनाई और उनके परिवारजनों की मदद में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. किसी भी सूचना पर कोरोना रोगियों की सहायता के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं.
डॉ. घनशाला ने कहा कि लोगों को कोरोना से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूक करना तो महत्वपूर्ण है, लेकिन कोरोना की गिरफ्त में आने वाले लोगों के दिलों से खौफ को निकालना भी बहुत आवश्यक है. इस दिशा में भी लगातार कार्य किया जा रहा है. वैक्सीनेशन के लिए योग्य हर व्यक्ति का टीकाकरण कराने के लिए ग्राफिक एरा लगातार सक्रिय है. 45 वर्ष से अधिक आयु के अधिकांश शिक्षकों, स्टाफ और उनके परिवार के सदस्यों का टीकाकरण करा दिया गया है. अब नई व्यवस्था के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के लिए कई कदम उठाये गये हैं.
उन्होंने कहा कि कोविड की दूसरी लहर में चिकित्सा सुविधाओं की भारी मांग है और हर किसी की जिंदगी खास मायने रखती है. टीकाकरण की सफलता के लिए ग्राफिक एरा एक पोर्टल भी तैयार कर रहा है. ग्राफिक एरा का विशाल अस्पताल भी करीब चार माह में कार्य शुरू कर देगा. इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कोरोना की पहली लहर में ग्राफिक एरा द्वारा किसी को भूखा न रहने देने के अभियान में खाद्यान्न, दालें आदि वितरित करने, मास्क व सैनिटाइजर उपलब्ध कराये जाने, बाहर से आने वाले एलुमिनाई व छात्रों और उनके परिजनों के साथ ही आम लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाने का उल्लेख किया. कोविड काल में ही महज सौ दिनों में विश्वविद्यालय का एक नया परिसर हल्द्वानी में खोले जाने को डॉ. कमल घनशाला ने एक बड़ी उपलब्धि बताया.
इस ई-सम्मेलन में प्रसिद्ध अभिनेता और फिल्म निर्माता तिग्मांशु धूलिया ने ग्राफिक एरा को उपलब्धियों पर बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को छात्रों के ट्रेंड करक चिकित्सा के क्षेत्र में सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिएं. ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला ने वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड की दूसरी लहर से लड़ने के लिए नर्सिंग, फार्मेसी और चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है. विश्वविद्यालय इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और कई स्किल आधारित नए कोर्स शुरु किए गए हैं. ई-सम्मेलन का संचालन श्री साहिब सबलोक ने किया. देश के साथ ही दुनिया भर के हजारों लोग इस ई-सम्मेलन से जुड़े.