नई दिल्ली। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने मार्च 2015 में आखिरी बार भारत का दौरा किया था। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में अपना दूसरा कतर का दौरा किया, तो उन्होंने अमीर को भारत का राजकीय दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। कतर के अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारिक नेता शामिल हैं। आने वाले गणमान्य व्यक्तियों में कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री भी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव (कांसुलर, पासपोर्ट और वीजा) अरुण कुमार चटर्जी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आज सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने अमीर का औपचारिक स्वागत किया। राष्ट्रपति (मुर्मू) आज शाम को भी अमीर और उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करेंगी और उनके सम्मान एक रात्रिभोज का आयोजन भी करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अमीर के साथ हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने भारत-कतर के बीच ऐतिहासिक व्यापार, लोगों के आपसी संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की।
मंत्रालय ने आगे बताया कि भारत और कतर ने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। दोनों नेताओं के बीच चर्चा में व्यापार, निवेश और उर्जा प्रमुख विषय थे। आज भारत और कतर के बीच सालाना करीब 14 अरब डॉलर का व्यापार होता है। दोनों पक्ष अगले पांच वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य तय करने पर सहमत हुए हैं। कतर भारत में निवेश के लिए भी एक महत्वपूर्ण भागीदार देश है।इसने आगे कहा, कतर निवेश प्राधिकरण ने वर्तमान में भारत में करीब 1.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश किया है। दोनों नेताओं ने भारत में उन क्षेत्रों की भी पहचान की, जिनमें कतर निवेश प्राधिकरण निवेश बढ़ा सकता है।भारत और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों की सह-अध्यक्षता में आज संयुक्त बिजनेस फोरम का आयोजन किया गया, जिसमें दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपतियों, कंपनियों और संस्थानों के बीच काफी सार्थक बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने आगे कहा, भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) इस समय एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। जहां तक कतर का सवाल है, दोनों पक्ष भविष्य में एफटीए पर हस्ताक्षर करने की संभावना देख रहे हैं। उन्होंने कहा, जहां तक रणनीतिक साझेदारी समझौते का सवाल है, यह वास्तव में द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति को रणनीतिक स्तर तक ले जाएगा। हम व्यापार, उर्जा, निवेश, सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा।
चटर्जी ने कहा, भारत और कतर की उर्जा क्षेत्र में साझेदारी है। कतर भारत के लिए उर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। दोनों नेताओं ने कहा कि फरवरी 2024 में कतर एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने 2028 से शुरू होने वाले 20 वर्षों के लिए कतर से भारत को प्रति वर्ष 7.5 मिलियन मीट्रिक टन एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने उर्जा साझेदारी को मजबूत और व्यापक बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की।
उन्होंने आगे बताया, भारत और कतर आज ऐतिहासिक व्यापारिक और लोगों के आपसी संबंधों पर आधारित गहरे, मैत्रीपूर्ण रिश्तों का आनंद ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर को वहां भारतीय समुदाय के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। कतर के अमीर के राजकीय दौरे के दौरान दो समझौतों और पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
रणनीतिक स्तर तक पहुंचेंगे भारत-कतर संबंध, समझौते पर हस्ताक्षर
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