”अंग्रेज आए और अंग्रेजी छोड़ गए”, ये कहावत गांव में दादी-नानी के मुंह से आज भी सुनी जा सकती है। दरअसल, उनकी इन कहावतों से प्रतीत होता है कि अंग्रेज आए और लोगों को चाय की लत लगाकर चले गए जबकि आज के समय में गंगा उल्टी बह रही है। जी हां, आज भारत ने पूरी दुनिया को अपनी चाय का दीवाना बना दिया है।
आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश
गौरतलब हो, चाय दुनिया में सबसे अधिक खपत वाला खुशबूदार पेय है। चाय का वानस्पतिक (बॉटेनिकल) नाम कैमलिया साइनिस है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है, जबकि केवल भारत में ही अन्य देशों के मुकाबले लगभग 70 प्रतिशत चाय का उपभोग किया जाता है। भारत में वर्ष 2022 में ₹2,532 करोड़ से अधिक की चाय का निर्यात हुआ है।
निश्चित रूप से इसकी खास वजह भारत में उगने वाली चाय की खास किस्मों में छिपी है जो पूरी दुनिया में और कहीं नहीं मिलती। तभी तो भारतीय चाय का स्वाद चख लेने वाले कहते हैं कि इस जैसी पेय और कहीं नहीं। यही कारण है कि भारत की चाय के निर्यात में जबरदस्त उछाल आया है।
पूरी दुनिया में भारतीय चाय की डिमांड बड़ी तेज
इसी के चलते पूरी दुनिया में भारतीय चाय की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। वहीं दूसरी ओर चाय की बढ़ती डिमांड को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार चाय के उत्पादन को और अधिक बढ़ावा देने में लगी है। देश में चाय के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकार द्वारा चाय बोर्ड भी गठित किया गया है। चाय बोर्ड के बारे में बताने से पहले हमारे लिए यह जान लेना दिलचस्प होगा कि आखिर भारतीय चाय के निर्यात में कितनी तेजी आई है ?
चाय के निर्यात में 96.9 मिलियन किलोग्राम का उछाल
दरअसल, भारतीय चाय के निर्यात में 96.9 मिलियन किलोग्राम का उछाल देखा जा रहा है। इस क्रम में सरकार के प्रयासों से साल 2022 में ₹2,532 करोड़ से अधिक की चाय का निर्यात हुआ। वहीं 2021 में ₹2,306 करोड़ से अधिक की चाय का हुआ निर्यात हुआ। ये आलम तब है जब दुनिया की सबसे अधिक चाय की खपत केवल भारत में ही होती है। जी हां, देश में लोग चाय कल्चर में जी रहे हैं। तभी तो दिन की शुरुआत चाय से होती है। बेड टी हो या शाम की चाय, अगर लोगों को चाय न मिले तो उन्हें कुछ अधुरा सा लगने लगता है। अब इसमें चाहे घर पर चाय बनाकर पीना हो या किसी चाय की दुकान पर जाकर चाय पीना, इनका एक अलग ही आनंद है।
उच्च गुणवत्ता की श्रेणी में आती है भारत की चाय
ऐसा नहीं है कि चाय के दीवाने सिर्फ भारतीय ही हैं बल्कि भारतीय चाय की चुस्की लेना विदेशियों को भी खूब पसंद है। इसकी वजह भारतीय चाय की उच्च गुणवत्ता है। भारतीय चाय दुनिया की सबसे बेस्ट चाय समझी जाती है। इसकी गुणवत्ता को कायम रखने के लिए भारत सरकार ने चाय बोर्ड का गठन किया है। आइए अब विस्तार से जानते हैं इसके बारे में…
चाय बोर्ड की स्थापना
चाय अधिनियम 1953 की धारा (4) के अनुसार 1 अप्रैल, 1954 को एक सांविधिक निकाय के रूप में चाय बोर्ड की स्थापना की गई थी। शीर्ष निकाय के रूप में, यह चाय उद्योग के समग्र विकास का ध्यान रखता है। बोर्ड की अध्यक्षता एक अध्यक्ष द्वारा की जाती है और इसमें भारत सरकार द्वारा नियुक्त 30 सदस्य होते हैं जो कि चाय उद्योग के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बोर्ड का प्रधान कार्यालय कोलकाता में स्थित है और दो क्षेत्रीय कार्यालय उत्तर-पूर्व क्षेत्र में असम के जोरहाट में और तमिलनाडु में कुन्नूर में दक्षिण क्षेत्र में है। इसके अलावा, सभी प्रमुख चाय उत्पादक राज्यों और चार महानगरों में 18 क्षेत्रीय कार्यालय फैले हुए हैं।
चाय के प्रचार के लिए विदेशी कार्यालय भी किए स्थापित
चाय के प्रचार के उद्देश्य से, तीन विदेशी कार्यालय लंदन, दुबई और मास्को में स्थित है। छोटे क्षेत्र की विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए जिसमें राष्ट्रीय चाय उत्पादन का एक तिहाई से अधिक हिस्सा होता है, रिपोर्ट के तहत वर्ष के दौरान अलग निदेशालय की स्थापना की गई है। इस निदेशालय के तहत सभी क्षेत्रों में 71 उप क्षेत्रीय कार्यालय खोले गए हैं, जहां छोटे उत्पादकों को उत्पादकों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने और छोटे क्षेत्र से उत्पादित चाय की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में उत्पादकों को विकास और विस्तार सेवाएं प्रदान करने के लिए केंद्रित किया गया है।