11.2 C
Dehradun
Wednesday, December 3, 2025


जानें उत्तराखंड में क्यों मनाया जाता हरेली का त्यौहार

उत्तराखंड में कई लोकपर्व मनाए जाते हैं। राज्य का इतिहास प्रकृति से जुड़ा है और अधिकतर त्योहार प्रकृति को समर्पित किए जाते हैं। उनके से एक हैं हरेला पर्व, जो 17 जुलाई को मनाया जाएगा। हरेला पर्व कर्क संक्रांति को श्रावण मास के पहले दिन मनाया जाता है। उत्तराखंड के लोग त्योहार के ठीक 10-11 दिन पहले हरेला बोते हैं।

लोग हरेला ( एक पौधे) घरों में ही लगाया जाता है। वैसे हरेला पर्व साल में तीन बार मनाया जाता है। पहला – चैत्र मास, दूसरा – सावन मास और तीसरा – आश्विन (क्वार) मास में।हरेला उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में प्रमुखता से मनाया जाता है। इस दिन हरेला की शुभकामनाएं देकर बुजुर्ग बच्चों को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन हम लोग पौधे लगाते हैं।

भगवान शिव के साथ है गहरा रिश्ता

उत्तराखंड में हरेले से सावन का महीना शुरू होता है। जैसे की सावन भगवान शिव का प्रिय मास है। हरेल पर्व के दौरान शिव परिवार की पूजा होती है। इस पर्व को शिव पार्वती के विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। इसके अलावा कुछ लोक मान्यता भी हरेले पर्व को लेकर है। घरों में बोया हुआ हरेला जितना बड़ा होगा, कृषि में उतना ही फायदा देखने को मिलेगा। वैसे तो हरेला को हर घर में बोया जाता है लेकिन कुछ गांव में सामूहिक रूप से ग्राम देवता के मंदिर में भी हरेला बोया जाता है।

मंदिर में हरेले को बोया जाता है। मिश्रित अनाज को देवस्थान में उगाकर कर्क संक्रांति के दिन हरेला काटा जाता है। जिस तरह मकर संक्रांति से सूर्य भगवान उत्तरायण हो जाते हैं और दिन बढ़ने लगते हैं, वैसे ही कर्क संक्रांति से सूर्य भगवान दक्षिणायन हो जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन से दिन रत्ती भर घटने लगते है। इस तरह रात बड़ी होती जाती हैं।

कुमाऊं के विशेष त्योहार

हरेला बोने के लिए लोग घर के पास साफ जगह से मिट्टी निकाल कर सुखाई जाती है और उसे छानकर रख लिया जाता है। हरेला बोने के लिए धान, मक्की, उड़द, गहत, तिल और भट्ट साथ में मिलाया जाता है इसे मंदिर के कोने में रखा जाता है। इसे बोने से लेकर देखभाल तक घर की महिलाएं करती हैं। इस दिन पकवान बनाए जाते हैं। पर्व के दिन हरेले में से कुछ भाग छत पर रखे जाते हैं। घर में बड़े छोटों को हरेला लगाते हैं और आर्शीवाद देते हैं। इसके अलावा रिश्तेदारी में भी हरेला भेजा जाता है जिस तरह से दिवाली में प्रसाद बांटा जाता है।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

पुतिन की यात्रा से पहले भारत-रूस के बीच बड़ी डील

0
नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर से दो दिवसीय भारत की यात्रा पर रहेंगे। रूस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के...

संकट में श्रीलंका को मिला भारत का साथ, सनथ जयसूर्या ने पीएम मोदी को...

0
नई दिल्ली: चक्रवात दित्वाह से तबाह हुए श्रीलंका के लिए भारत द्वारा चलाए जा रहे बड़े राहत अभियान के बीच श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी...

8वां वेतन आयोग: पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत, सरकार ने राज्यसभा में साफ की...

0
नई दिल्ली: आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच सबसे बड़ी चिंता 'पेंशन रिविजन' को लेकर थी।...

दिल्ली की आबोहवा में घुट रहा दम: ‘बेहद खराब’ श्रेणी में हवा, 16 निगरानी...

0
दिल्ली: राजधानी में हवा की दिशा बदलने और स्थानीय कारकों के चलते हवा एक बार फिर से गंभीर श्रेणी की ओर तेजी से बढ़...

प्रियांक को सोशल मीडिया पर शोध के लिए पीएचडी की उपाधि

0
-सोशल मीडिया ने दर्द भी दिया और दवा भी देहरादून। उत्तराखण्ड में कोविड से निपटने में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई। सोशल...