देहरादून: देश की सुरक्षा के लिए जहां बॉर्डर पर सेना के जवान अपनी जान की परवाह किए बगैर डटे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी मां, पत्नी और बहनें वीरों की ताकत बनी हुई हैं। कई ऐसी भी महिलाएं हैं जो तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचे अपने पति की शहादत का दर्द पीछे छोड़ साहस की नई इबारत लिखने को तैयार हैं। इन्हीं वीरांगनाओ में शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल का नाम भी शामिल हो गया है।
शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति नैनवाल शनिवार को लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना का हिस्सा बन गई है। चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में 11 महीने के प्रशिक्षण के बाद ऑफिसर ज्योति भारतीय सेना में शामिल हुईं। लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल दो बच्चों की मां हैं, जो पासिंग आउट परेड के दौरान चेन्नई में ही मौजूद थे और अपनी मां की हौंसला अफजाई भी करते नजर आए।
लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल के पति, नाइक दीपक नैनवाल, 2018 में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान गोली लगने के बाद 40 दिनों तक अस्पताल में भर्ती दीपक नैनवाल ने गहरी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। वहीं लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल ने सेना में शामिल होने के बाद कहा कि वह उस गर्व के जीवन को आगे बढ़ाना चाहती हैं जो उनके पति ने उन्हें दिया था। पति की शहादत के बाद परिवार टूट जाता है, बिखर जाता है, लेकिन लेफ्टिनेंट ज्योति ने साबित कर दिया कि एक शहीद की पत्नी को वीर नारी कहा जाता है क्योंकि वह किसी भी चुनौती या त्रासदी से निपटने और उसे पार करने का साहस रखती है।
उनकी असाधारण सफलता उनके पति की बटालियन और रेजिमेंट द्वारा प्रदान किए गए। निरंतर मार्गदर्शन को भी प्रदर्शित करती है। जिन्होंने लगातार ज्योति नैनवाल को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया और उनकी हर मोर्चे पर मदद की है।